होटल-ढाबे बने मयखाने, खुलेआम बेची जा रही है शराब

भिवंडी।। भिवंडी शहर तथा ग्रामीण परिसर के मुख्य मार्गो पर स्थित होटल व ढाबो पर खुलेआम शराब की बिक्री की जा रही है.यही नहीं अब किराना व्यवसायी भी राशन के साथ - साथ देशी व अग्रेजी शराब बेच रहे है,तो कई जगह होटल व ढाबों को ही अवैध ठेके खोल दिए गए है.जहाँ पर पियक्कड़ बैठकर शराब पी सकते है.मुंबई नासिक महामार्ग, माणकोणी से चिंचोटी रोड़, थाने से भिवंडी रोड़, भिवंडी से वाडा रोड़, भिवंडी से परोल रोड़, भिवंडी से कल्याण रोड़ सहित अन्य छोटे -बड़े सड़क मार्गो पर स्थित ढाबो पर अवैध रूप से चौबीस घंटे शराब पीने की व्यवस्था उपलब्ध है. जिसकी जानकारी आबकारी थाने के कांस्टेबल,थानेदार व आबकारी निरीक्षक और अधिकारी को होने के बावजूद अनजान बने रहते है.इसके चलते अब लोग अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाने लगे है. ढाबा मालिकों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है.फिर भी प्रशासनिक अफसरों ने मौन साध रखा हुआ है। प्रतिबंध के बावजूद हाइवे किनारे पर स्थित ढाबो पर शराब बिक्री की जा रही है.जिसके जरिये लोगों को शराब पीने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.शहर तथा ग्रामीण में लगभग तीन हजार से ज्यादा होटल, ढाबों पर भी खुलेआम शराब की बिक्री कि जा रही है.फिर भी जिम्मेदार पुलिस व आबकारी महकमे के जवान और अधिकारी जानकर भी अनजान बने हुए हैं।

होटल-ढाबे बन गए मयखाने :
शहर व हाइवे के कई होटल व ढाबा मयखाना का रुप धारण किये हुए है.जहां न सिर्फ खुलेआम शराब बेची जाती है, बल्कि बैठ कर पीने की खास व्यवस्था होती है.इन ढाबों पर शाम ढलते ही पियक्कड़ो की टोली देखी जा सकती है.इसके साथ ढाबा मालिकों द्वारा ग्राहकों के लिए सुविधा के लिए हर व्यवस्था करके रखता है

हुक्का पीने की व्यवस्था :
शहर तथा ग्रामीण परिसर में चल रहे ढाबा, होटलों पर अवैध रूप से हुक्का पीने की व्यवस्था भी  ढाबा मालिकों द्वारा किया जाता है. जिसके कारण नव युवक नशे के लत के शिकार हो रहे है.अवैध रुप से शराब तथा हुक्का पार्लर की जानकारी होने के बावजूद पुलिस प्रशासन खामोश रहने की भूमिका निभाते है इस प्रकार का सवाल नशे के लत के शिकार युवकों के परिजनों द्वारा उठाया जा रहा है।

नये वर्ष के स्वागत के लिए जोर शोर से तैयारी शुरू :
हाइवे तथा शहर में चल रहे ढाबा तथा होटलों द्वारा ग्राहकों को लुभाने के लिए नये वर्ष की स्वागत के लिए तैयारी शुरू कर दी है. ढाबो पर लाईट लगाकर रोशनी की जा रही है.वही पर पियक्कड़ो के लिए हर व्यवस्था की जा रही है.इन ढाबो पर खुलेआम गुजरात राज्य के दामन से बनावटी शराब लाकर बेची जाती है जिसके कारण शासन के बड़े स्तर पर राजस्व का नुकसान होता है।

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