
समाज सेविका गंगा स्वरूपा माता प्रेमा श्रीवास्तव एवं कायस्थ शिरोमणि श्री दिनेश श्रीवास्तव
- Hindi Samaachar
- Jan 24, 2021
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झारखंड के गिरिडीह की पावन भूमि पर पैदा हुए कायस्थ शिरोमणि पूज्य पिता श्री दिनेश श्रीवास्तव एवं गंगा स्वरूपा माता जी प्रेमा श्रीवास्तव जिनके 2 पुत्र सूर्य शिरोमणि कायस्थ समाज के उगते हुए सूरज ज्ञान एवं कला से परिपूर्ण दोनों भाई कुल के दीपक रूप में सुशोभित अपने नाम की सार्थकता को सिद्ध करते हुए पूज्य माताजी जिनकी बारे में यह कहना अति संयुक्त नहीं किउनको बचपन में ही कवित्री ह्रदय प्राप्त हुआ ।जहां तक मैं जानता भी हूं और सुना भी है की वह एक समाज सेविका तथा अटल बाजपेई के समय से काफी एक्टिव तथा आपका हृदय कोमल एवं लचीला तथा लोगों के दुख-सुख में सदैव सहभागी रहती हैं उनकी बहुत सारी रचनाएं हैं जिसमें से मैं थोड़ा लिखने चल रहा हूं जोकि गुरु के ऊपर आपने लिखा है उसका थोड़ा सा अंश आपके समक्ष इस प्रकार है जय कबीर जय श्री कबीर ,जय गुरुवर श्री कबीर-2 । गुरु स्वरूप अनंत जगत में ,वेद ज्ञान का सार । अमृत गंगासा दैविक है ,ममता मई का द्वार।। वैष्णो देवी श्री देवी करुणामई, सबको दे उपहार ।।कमल पुष्प सा अलौकिक -पारलौकिक ,भीतर मंत्र द्वार।।........................................................................ शेष अगले अंक में मैं जगन राज कनक ठाकुर उदय प्रताप श्रीवास्तव अपने टीम की तरफ से आप सभी को प्रणाम तथा एक बार फिर पूज्य पिताश्री एवं माता श्री को मेरा चरण स्पर्श "जय हिंद जय जवान जय किसान"
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