लाइन छाप पहाड़ी सौखरा बना आस्था का केन्द्र भण्डारा में सैकड़ों भक्तों ने ग्रहण किया प्रसाद
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Feb 03, 2021
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चांद(कैमूर)।। प्रखण्ड मुख्यालय से 10 किमी दूर कैमूर की पहाड़ी ऐतिहासिक एवं धार्मिक धरोहरों को समेटे हुए है।उसी कड़ी में सौखरा गाँव के बगल में कैमूर पहाड़ी में लाइन छाप पहाड़ी लोगों के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है। बताया जाता है कि लाइन छाप पहाड़ी के ऊपर अदृश्य शक्ति का आभास होता है। आने वाले लोगों को आकर्षित करता रहता है। अदृश्य शक्ति के डोर से बंधे हुए अछैबरनाथ कुशवाहा देखबाल करते हैं। और प्रत्येक वर्ष 3 फरवरी को भण्डारा किया जाता है। भण्डारा में सैकड़ों भक्त दुर दराज से आते है। जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश बिहार आदि जगहों से भारी संख्या भक्तों को आना रहता है। जानकारी देते हुए पुजारी अछैबर कुशवाहा ने कहा कि अपने खेत पर आया था। हमें पहाड़ी पर कुछ हलचल दिखाई पडा। उन्होंने ने कहा पहाड़ी पर ऊपर जाकर देखा तो अदृश्य शक्ति का आभास हुआ। उसी तीन फरवरी को भण्डारा का आयोजन होता रहता है। भण्डारा में मुख्य अतिथि अक्षय कुमार ने इस धार्मिक स्थल को बौद्ध धर्म से जोडकर देखने की आवश्यकता पर बल दिया। अतिथि अर्जुन सिंह कुशवाहा ने कहा कि लाइन छाप पहाड़ी ऐतिहासिक धरोहर से भरा पुरा है। उन्होंने ने मांग किया सरकार इस स्थल को ऐतिहासिक धरोहर में विकसित करे। भण्डारा समारोह में जिला परिषद सदस्य चंचल मिश्रा ने कहा कि लाइन छाप पहाड़ी को विकसित करने के लिए जिला परिषद फण्ड को खर्च किया जायेगा। भण्डारा समारोह में राजेंद्र सिंह पंच नारायण कुशवाहा रामचंद्र सिंह मोती सिंह राजाराम गोंण कृष्णानंद तिवारी आदि लोग शामिल हुए।
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