कार्रवाई जीरो ? एक साल के भीतर भिवंडी में बन गयी 500 से ज्यादा अवैध इमारतें, भारी भष्ट्राचार की आशंका

भिवंडी।। भिवंडी शहर में अवैध इमारतों का बनना बदस्तूर जारी है.भूमाफिया व मनपा अधिकारियों के सांठगांठ से मनपा मुख्यालय के पास ही आधा दर्जन से ज्यादा अवैध इमारतें निर्माणाधीन अवस्था में है.आश्चर्य की बात है मनपा आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया व अतिक्रमण विभाग प्रमुख साकिब खर्बे के कार्यालयों की खिड़कियों से इन गगनचुम्बी निर्माणाधीन इमारतें दिखाई देती है.यही नहीं एक साल के भीतर यानी अगले बरसात से इस बरसात तक विभिन्न प्रभाग समितियों के कार्यक्षेत्रो में लगभग 500 से ज्यादा अवैध इमारतें बनकर तैयार हो गयी,कुछ इमारतें आज भी निर्माणाधीन है.किन्तु ताज्जुब की बात है एक साल के भीतर बनी अवैध इमारतों पर कार्रवाई के नाम पर जीरो है.यही नहीं बहुत से अवैध इमारतों पर कार्रवाई नहीं करने के बदले मोटी रकम ले देकर भष्ट्राचार होने से इनकार भी नहीं किया जा सकता है.एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मात्र कुछ वर्षों के भीतर ही शहर में लगभग 1700 अवैध इमारतें बनकर तैयार हो चुकी है। इसके साथ ही लगभग 150 से ज्यादा इमारतें जो मनपा‌ प्रशासन ने परमीशन जारी किया था उसके निर्माण में भी भष्ट्र इंजिनियरों से सांठगांठ कर बिल्डर उसके क्षेत्रफल में बदलाव कर गगनचुम्बी इमारतें बनाकर खड़ी कर दिये है।

अतिरिक्त आयुक्त ने की मैराथन बैठक:
मनपा अतिरिक्त आयुक्त दिवटे ने शहर में सतत दिनों दिन हो रहे अवैध निर्माणों पर चिंता व्यक्त करते हुए एक मैराथन बैठक की जिसमें उन्होंने कहा कि अभी भी अवैध निर्माणों की शिकायतें आना बदस्तूर जारी है.उन्होंने इस बाबत मनपा कर्मियों और अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि मनपा की आरक्षित जगह अथवा संपत्ति सहित अब शहर में कोई भी अवैध इमारत का निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए.यदि ऐसा होता है तो संबंधित प्रभाग के सहायक आयुक्त व संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.इसके साथ-साथ उन्होंने मनपा कर्मियों और अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि शहर के सभी प्रकार के अवैध निर्माण कार्यों का डीपीएल पूरा करने,अवैध निर्माणकर्ताओं को पूर्व नोटिस देने, सुधारीत नोटिस सहित रजिस्टर्ड डाक द्वारा नोटिस देने,बीट मुकादम, बीट निरीक्षक और संबंधित अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट तैयार करने,दररोज जियो टैग फोटो, पंचनामा और प्रभाग के सहायक आयुक्त द्वारा की गई सुनवाई,उसका निर्णय तथा सुनवाई की कार्य सूची तैयार करने सहित संबंधित मकान मालिक अथवा बिल्डर के खिलाफ नियमानुसार सभी दस्तावेजी सबूत तैयार करकेे स्थानीय पुलिस स्टेशन में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराने के अलावा संपूर्ण विवरण कोर्ट में प्रस्तुत करके जिन इमारतों पर कोर्ट का स्थगन आदेश है.उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मनपा के पैनल वाले वकील के माध्यम से कोर्ट को साक्ष्य उपलब्ध कराने तथा जिन निर्माणों पर स्थगन आदेश नहीं है.उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश मनपा अतिरिक्त आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे ने दिया है। 

मुख्यालय परिसर से 100 मीटर दूर बन रही आधा दर्जन गगनचुम्बी अवैध इमारतें :
भिवंडी मनपा‌ मुख्यालय परिसर से मात्र 100 मीटर दूरी पर प्रभाग समिति क्रमांक 05 अंर्तगत दो इमारतें, प्रभाग समिति क्रमांक 02 अंर्तगत तीन इमारतें तथा प्रभाग समिति क्रमांक 01अंर्तगत तीन इमारतें निर्माणाधीन अवस्था में है अधिकांश इमारतें तीन चार मंजिला होने के बावजूद मनपा अधिनियम व नगर रचना अधिनियम के कलम 260 अंर्तगत केवल नोटिस जारी किया गया है.बतादें मुख्यालय में प्रतिदिन सहायक आयुक्तों का आना जाना बना रहता है किन्तु ताजुब की बात है इन निर्माणाधीन गगनचुम्बी अवैध इमारतों को देखने की तहमियत नहीं उठाया जाता है.जिसके कारण काप‌ इस्लामपुरा, काप अली, साईनगर, निजामपुरा, कचेरीपाडा आदि क्षेत्रों में दिनों रात अवैध इमारतों का निर्माण कार्य जारी है।

प्रति स्लैब व स्क्वायर फुट भाव से रुपया फिक्स :
शहर में बन रही अवैध इमारतों ‌में मनपा अधिकारियों सहित सफेद पोश नेताओं के बीच भारी भष्ट्राचार का खेल जारी है.जिसके कारण भूमाफिया व बिल्डर दनदनाकर गगनचुम्बी अवैध इमारतें खड़ी कर मनपा प्रशासन के कर मूल्यांकन विभाग में डंके के चोट पर असिस्मेंट करवाकर भोली भाली जानता को उसी असिस्मेंट को परमीशन बताकर बेच रहे है.एक बिल्डर ने नाम नहीं छापने केेे शर्त पर बताया कि बिना परमीशन के इमारत बनाने में बहुत ही कम खर्च आता है.अधिकारियों व सफेद पोश नेताओं को प्रति स्लैब भाव फिक्स कर उनकी रकम उनके बताऐ गये तय स्थान पर पहुँचा देने से इमारत पर किसी प्रकार की कार्रवाई नही होती है.यही नहीं बाद में उसी इमारत को कर मूल्यांकन विभाग से प्रति स्क्वायर फुट का भाव फिक्स कर असिस्मेंट करवा लिया जाता है.अभी तो और आसान हो गया है रजिस्ट्री का पैसा भी बच जाता है क्योंकि कर मूल्यांकन विभाग में पैसा खर्च करने पर प्लैट व दुकान के गाले डायरेक्टर खरीददार के नाम पर घरपट्टी बन कर आ जाती है.सब जगह फिक्स भाव है‌ फिक्स करों और अवैध इमारतें बनाओ.ऐसे में अतिरिक्त आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे द्वारा मुख्यालय में की गयी मैराथन बैठक से क्या अवैध इमारतें के निर्माण पर रोक लग सकेगा.या आगे भी बदस्तूर जारी रहेगा.इस प्रकार का प्रश्न अवैध इमारतों के कारण अपना संसार उजाड़ चुके नागरिकों ने उठाया है।

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