क्या प्रभारी सहायक आयुक्त बनेंगे बली का बकरा ? स्थानीय कर्मचारियों के साथ भेदभाव

भिवंडी।। भिवंडी महानगर पालिका के आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए शासन से नियुक्ति किये अधिकारियों का बचाव करते हुए उन्हें मुख्यालय में नियुक्त कर दिया है.यही नहीं उनके रिक्त पद पर जकात नाका पर वसूली करने वाले क्लर्क, वायरमैन,तथा अन्य विभागों में कार्यरत क्लर्को को प्रभारी अधिकारी बना कर तैनाती कर दी है.क्या क्लर्क दर्जे के कर्मचारी मानसून में एक बार फिर बली का बकरा बनेंगे ? इस प्रकार का प्रश्नचिह्न स्थानिकों ने मनपा आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया के कार्यशैली पर लगाया है.इसके साथ ही आरोप भी लगाया है कि जिस तरह जंगल के राजा शेर के पंजे में फंसी बकरी मिमयाती नहीं.ठीक उसी तरह भिवंडी महानगर पालिका में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों की हालात है। विदित हो कि आगामी कुछ ही दिनों में मानसून शुरू होने वाला है.जिसे देखते हुए मनपा आयुक्त ने शहर के 1243 जर्जर इमारतों को मनुष्य विहीन करने के लिए फरमान जारी किया है.इसके तहत प्रभारी सहायक आयुक्तो द्वारा जर्जर इमारतों की बिजली और पानी सप्लाई खंडित की जा रही है.

बतादें कि 21 सितम्बर 2020 साढ़े तीन बजे भोर में प्रभाग समिति क्रमांक तीन अंर्तगत पटेल कंपाउंड स्थित घर नंबर 69, तीन मंजिला जिलानी बिल्डिंग का आधा हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा.दिल दहला देने वाले इस हादसे के मलबे में दबने के कारण 38 लोगों की जान चली गयी.जबकि 25 लोग घायल हुए थे.मृतकों में आठ बच्चों का समावेश था.घटना के बाद मौका - ए- वारदात पर महानगर पालिका के आपातकालीन प्रमुख फैसल तातली तथा फायर ब्रिगेड के जवान और स्थानीय पुलिस ने पहुँच कर घायलों को अस्पतालों में पहुँचाया.इस घटना की जानकारी मिलने के बाद एनडीआरएफ,टीडीआरएफ और स्वान पथक टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर मबले में फंसे लोगों को‌ बाहर निकाला था.हादसे के बाद प्रभारी सहायक आयुक्त सुदाम जाधव, बीट निरीक्षक सुनिल वगल और भूभाग वसूली क्लर्क प्रफुल्ल तांबे को बली का बकरा बनाकर उन्हें जेल भेज दिया गया.फिलहाल न्यायालय ने तीनों की जमानत पर रिहा कर दिया है.किन्तु अभी तक मनपा आयुक्त ने तीनों कर्मचारियों को सरकारी काम से वंचित रखा हुआ है.इसके साथ ही यह प्रकरण भी न्यायालय में न्याय प्रविष्ट है।

जिम्मेदार पदों पर विराजमान शासन के अधिकारी पर कार्रवाई नहीं :
प्रभाग समिति क्रमांक तीन अंर्तगत पटेल कंपाउंड में लगभग 38 साल पहले बनी जिलानी बिल्डिंग 21 सितम्बर को भोर में धराशायी हो गयी थी.इस प्रभाग की जिम्मेदारी शासन से आऐ अधिकारी के पास थी किन्तु हादसे के चार दिन पहले ही सहायक आयुक्त पद की जिम्मेदारी संभाल रही अधिकारी छुट्टी पर चली गयी.सहायक आयुक्त पद पर विराजमान अधिकारी पर मनपा आयुक्त डाॅ.आशिया ने कार्रवाई नहीं किया.इसके साथ ही उपायुक्त (अतिक्रमण) दीपक सांवत पर भी कार्रवाई नहीं कि गयी.इसके विपरीत मनपा आयुक्त ने हादसे के जिम्मेदार मानते हुए पूर्व सहायक आयुक्त का पद संभाल चुके प्रभारी सहायक आयुक्त सुदाम जाधव तथा दो अन्य कर्मचारियों को बली का बकरा बना दिया.इस प्रकार की चर्चा जर्जर इमारतें पर हो रही कार्रवाई को देखते हुए मनपा के गलियारे में व्याप्त है।

मानसून से पहले शासन के आये सहायक आयुक्तो की बदली :
भिवंडी शहर जर्जर तथा अवैध इमारतें का शहर के नाम से पहचाना जाने लगा है.यहाँ पर पनटपरी छाप बिल्डर भी घटिया सामग्री इस्तेमाल कर पांच से सात मंजिला इमारत मात्र कुछ ही महीनों में बनाकर खड़ी कर देते है.इन‌ अवैध इमारतों के कारण मनपा मुख्यालय में बैठे उच्च अधिकारी भी माला माल हो रहे है.यही इमारतें 10 से 15 साल में जर्जर हो जाती है.जिसके गिरने से इसमें रहने वाले बेकसूर लोगों की मौतें हुई है.शहर में प्रत्येक वर्ष इमारत गिरने की घटनाएं घटित हो रही है.जिसे देखते हुए मानसून के पहले ही मनपा आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया ने प्रभाग समितियों में सहायक आयुक्त का पद संभाल रहे शासन से आऐ अधिकारियों को मनपा मुख्यालय में उपायुक्त बनाकर पांच से सात विभागों की जिम्मेदारी सौंप दी है.क्या मानसून में एक बार फिर इमारत गिरने पर स्थानीय कर्मचारियों को बली का बकरा बनाने की खेल किया जा गया है.इस प्रकार का सवाल दक्ष नागरिकों ने मनपा आयुक्त के कार्यशैली पर लगाया है।

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