क्या प्रभारी सहायक आयुक्त के सांठगांठ से बन रही है अवैध इमारतें ? चंदा छाप बिल्डर प्रभाग समिति एक में बना रहे है लगभग 70 अवैध इमारतें।

भिवंडी।। भिवंडी महानगर पालिका के प्रभाग समिति क्रमांक एक अंर्तगत विभिन्न क्षेत्रों में भूमाफिया व चंदा छाप बिल्डर दर्जनों की संख्या में अवैध इमारतों का निर्माण कार्य करवा रहे है.यही नहीं चंदा इकट्ठा कर बनें बिल्डर अब डीपी रोड़ सहित कुंआ पर भी कब्जा कर बहुमंजिला इमारतें मात्र कुछ महिनो में बनाकर तैयार कर देने का गोरखधंधा शुरू किया है.आनन व फानन में बनाई गयी अवैध इमारतें 10 से 15 वर्षों में जर्जर हो जाती है.जिसके कारण बिल्डर को फायदा पहुँचाने के लिए प्रभाग अधिकारियों को एक बार फिर खेल खेलने के लिए मौका मिल जाता है.ऐसे इमारतों में रहने वाले रहीवासी बिल्डर और मनपा अधिकारियों की सांठगांठ के कारण ठगी का शिकार होना पड़ रहा है.इसी प्रभाग समिति में क्लर्क से बनें प्रभारी सहायक आयुक्त दिलीप खाने सब जानते हुए क्यों मूकदर्शक बनें हुए है.इस प्रकार का आरोप जर्जर इमारतों के कारण बेघर हुए रहिवासियों ने लगाया है।

बीट निरीक्षक की बड़ी लापरवाही :
प्रभाग समिति क्रमांक एक में नेताओं के नाक के बाल बनें विराज भोईर 06 वर्षो से एक ही कुर्सी पर नाग की तरह कुंडल मार कर बैठे हुए है.सुत्रों की‌ मानें तो बिल्डरो से इनकी अच्छी खासी पहचान होने के कारण उनके द्वारा बनाई जा रही अवैध इमारतें पर वसूली व भूभाग अधिकारी के रुप में कार्यरत कर्मचारियों की रिपोर्ट देने के बाद किसी प्रकार से डीपीएल फ्लो नहीं करवाते.जिसके कारण मनपा प्रशासन को प्रतिवर्ष इसी प्रभाग से करोड़ों रुपए का राजस्व हानि हो रही है.कचेरी पाडा, गुलजार नगर, अंसार नगर, फातमा नगर,गायत्रीनगर, जब्बार कंपाउंड, किदवई नगर, नागांव, वेताल पाडा, आमपाडा, खडुपाडा, बाला कंपाउंड,मिल्लतनगर, म्हाडा कालोनी, नदीनाका, नूरी नगर, चविन्द्रा, पोगांव‌ आदि परिसर ‌मे दर्जनों की संख्या में बन रही अवैध इमारतें प्रत्यक्ष रुप से प्रमाण है।
समय का अभाव बताकर शिकायतों का नहीं करते निपटारा :
कोरोना काल तथा जर्जर इमारतों पर कार्रवाई और कोर्ट के कार्यप्रणाली में लीन होने का बहाना बताकर सहायक आयुक्त दिलीप खाने व बीट निरीक्षक विराज भोइर स्थानिकों द्वारा अवैध निर्माण की जानकारी देने बाद कार्रवाई नहीं करते है.उलट उनको ही दम देकर शिकायत नहीं करने के लिए कहा जाता है.शिकायत करने पर अंजाम बुरा होने की धमकियां भी दी जाती है.सुत्रों की माने तो अवैध इमारतों के संरक्षण के कारण कारण इनकी और कमाई बढ़ जाती है।
भू- भाग क्लर्क समय पर देते है बन रही अवैध इमारतों की जानकारी :
भू-भाग और घरपट्टी कर वसूली करने वाले कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि जब पुराने घर अथवा खाली जगह पर इमारत बनाने के लिए खोदकाम शुरू होता है तो हम लोग शहर विकास विभाग सहित सहायक आयुक्त को लिखित रूप से जानकारी देते है.किन्तु चार पांच मंजिला इमारत बनने के बाद भी शहर विकास विभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की‌ जाती है.यही नहीं उस इमारत का कब असिस्मेंट हो जाता है इसकी भी जानकारी हमें नहीं होती है.बिल आने के बाद नई बनी इमारत की घरपट्टी वसूली करने की जवाबदेही दे दी जाती है।
चंदा छाप बिल्डरो से वसूली रकम से होती है शराब पार्टियां:
मनपा सुत्रों की मानें तो चंदा इकट्ठा कर इमारत बना रहे बिल्डरो द्वारा इमारत पर कार्रवाई नहीं करने के एवज में शहर विकास विभाग में मोटी रकम खर्च करते है.भष्ट्राचार कर की गयी कमाई से शनिवार तथा रविवार को शहर विकास विभाग में कार्यरत कर्मचारी शराब और कबाब की पार्टियां करते दिखाई पडते हैं.इसी प्रभाग में कार्यरत कई कर्मचारियों का पार्टियां करते हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है.क्या मनपा आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया ऐसे भष्ट्र व रिश्वतखोर कर्मचारियों पर कार्रवाई करेंगे.या फिर क्लर्क से बनें प्रभारी सहायक आयुक्त दिलीप खाने की तरह मूकदर्शक बनें रहेगे ? इस प्रकार का सवाल जर्जर इमारतों के कारण हुए बेघर लोगों ने लगाया है।

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