करोड़ों रुपये का मुद्रांक शुल्क डूबाने वाले ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई

भिवंडी।। भिवंडी तालुका के कशेली टोल नाका चलाने वाले ठेकेदार कंपनी मे.कल्याण संगम इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने शासन का करोडों रुपया मुद्रांक शुल्क बर्बाद करने प्रकरण में कंपनी को ठाणे मुद्रांक जिलाधिकारी विवेक विचारे ने दंडात्मक कार्रवाई करते हुए 2 करोड 35 लाख मुद्रांक शुल्क भुगतान करने का आदेश पारित किया है.उक्त प्रकरण में निरंतर पत्र व्यवहार करने वाले राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल के प्रयत्न को बडी सफलता प्राप्त हुई है ।

बतादें कि ठाणे जिला के भिवंडी तालुका के भिवंडी-वाडा रोड व कशेली - बालकूम स्थित पुल का बांधकाम पूरा होने के बाद कशेली स्थित टोल वसूली करने वाले ठेकेदार कल्याण संगम इन्फोटेक प्रा.लि.को महाराष्ट्र शासन के सार्वजनिक बांधकाम विभाग द्वारा ठेका प्राप्त किया है।
शरद धुमाल के अनुसार इस टोल टेक्स वसूल का ठेका वर्ष 2008 से शुरू था जो 23 वर्ष 05 महिने में पूर्ण होता। इस प्रकल्प की कुल कीमत 228 करोड है.महाराष्ट्र मुद्रांक अधिनियम 1958 की परिशिष्ट-1के अनुसार कुल प्रकल्प की रकम पर महाराष्ट्र शासन ने विहित किए गए योग्य रकम का मुद्रांक शुल्क कल्याण संगम इन्फोटेक प्रा.लि.अंधेरी मुंबई ने शासन को प्रदान करना आवश्यक व बंधनकारक होने के बावजूद इस कंपनी ने केवल 100 रुपये गैरन्यायिक स्टॅम्प पेपर पर करारनामा कर शासन के साथ धोखा किया है.इस टोल संबंधी राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल ने केंद्रीय सूचना  अधिकार के अनुसार जानकारी प्राप्त कर ठेकेदार कल्याण संगम इंडिया प्रा.लि. व ठाणे विभाग के कार्यकारी अभियंता तथा सहकार्यकारी अभियंता सार्वजनिक बांधकाम विभाग के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने की मांग मुख्य सचिव निवेदन पत्र देकर किया था.जिसे संज्ञान में लेते हुए जांच करने का आदेश राज्य के मुख्य सचिव ने मुख्य पंजीकृत महानिरीक्षक को दिया था। पंजीकृत महानिरीक्षक ने कल्याण संगम इन्फोटेक प्रा. लि. द्वारा महाराष्ट्र शासन का मुद्रांक शुल्क बर्बाद करने के प्रकरण की तत्काल प्रभाव से जांच कर ठेकेदार पर 2 करोड 34 लाख रुपये का मुद्रांक शुल्क का भुगतान करने बाबत ठाणे जिला के मुद्रांक जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत कर अवगत कराया था.यह रकम शासन को प्रदान न करने पर कल्याण संगम इंडिया प्रा. लि. की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई ठेकेदार के विरुद्ध की जाएगी. गौरतलब है कि करोडों  रुपया शासन का महसूल बर्बाद करने वाले टोलनाका ठेकेदार के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई शासन द्वारा की गई है परंतु इस प्रकरण में ठेकेदार को सहकार्य करने वाले ठाणे विभाग के कार्यकारी अभियंता व उपकार्यकारी अभियंता के विरुद्ध भी कडक कारवाई करने के लिए मांग सुज्ञ नागरिकों द्वारा की जा रही है तथा  ठेकेदार द्वारा शासन का बर्बाद किया गया महसूल पुनः प्राप्त करने के लिए पत्र व्यवहार करने वाले शरद धुमाल का सर्वत्र अभिनंदन किया जा रहा है । 

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