विधान परिषद सदस्य पर ५५ करोड़ से अधिक बेनामी संपत्ति अर्जित करने का आरोप

समाजवादी पार्टी से विधान परिषद सदस्य जगजीवन प्रसाद के विरुद्ध लोकायुक्त को भेजे गए शिकायती पत्र में ५५ करोड़ से अधिक बेनामी संपत्ति अर्जित करने का आरोप ...


लोकायुक्त ने लिया मामले का संज्ञान ...


अयोध्या ।। समाजवादी पार्टी से विधान परिषद सदस्य व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निजी सचिव रहे जगजीवन प्रसाद की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं । अयोध्या जनपद के मिल्कीपुर तहसील के अंजरौली पूरे शिवबक्श पांडेय निवासी भाजपा कार्यकर्ता पवन पांडेय ने इस मामले में अपने ३२८ प्रश्नों के प्रत्यावेदन के साथ लोकायुक्त उत्तर प्रदेश से मामले में शिकायत दर्ज कराई है । जिसमें विधान परिषद सदस्य जगजीवन प्रसाद और उनके परिजनों द्वारा अर्जित की गई ५५ करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति के मामले की जांच करने का निवेदन किया गया है । लोकायुक्त के सचिव अनिल कुमार सिंह ने शिकायत के बाद २९ जून २०२१ को विधान परिषद सदस्य जगजीवन प्रसाद को पत्र जारी करते हुए आगामी २६ जुलाई तक अपना पक्ष रखने के लिए लोकायुक्त कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा है ।

बताते चलें कि जगजीवन प्रसाद व शिकायतकर्ता एक ही गांव के निवासी हैं । आरोप है कि जगजीवन प्रसाद राज कुमारी महाविद्यालय अमानीगंज - मिल्कीपुर मार्ग पर संचालित है व लखनऊ में कई संस्थान हैं जिसमें लोकायुक्त के यहां की गई शिकायत के अनुसार जगजीवन प्रसाद के परिजनों राजेंद्र प्रसाद पुत्र झगरू, विमला देवी पत्नी कृष्ण मुरारी व श्याम मुरारी पुत्र जग्गू राजेंद्र प्रसाद की संपत्ति जांच के दायरे में शामिल कर जांच करने का निवेदन किया गया है । शिकायत में यह भी कहा गया है कि जगजीवन प्रसाद के कोई संतान नही है और उनके सगे भाई राजेंद्र प्रसाद की औरत विमला देवी तथा श्याम मुरारी व कृष्ण मुरारी के द्वारा सारी सम्पत्ति क्रय की जाती है । शिकायत के अनुसार १९ जनवरी २०१७ को जगजीवन प्रसाद ने अपने भाई की पत्नी विमला देवी के नाम 

अपने भाई की पत्नी विमला देवी के नाम भतीजे श्याम मुरारी तमाम बेनामी संपत्ति खरीदी है । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आधा दर्जन विद्यालयों का  संचालन उनके परिजनों द्वारा किया जाता है । शिकायतकर्ता पवन पांडेय ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए दावा किया कि १९८४-८५ में जगजीवन प्रसाद के पिता गुरु के पास एक एकड़ के लगभग गांव में खेती योग्य जमीन थी जो इनकी पैतृक जमीन है । उनके घर में कोई भी व्यक्ति सरकारी सेवा में नहीं है फिर भी दर्जनों की संख्या में लग्जरी गाड़ियां और मकान राजधानी लखनऊ में मकान आदि मौजूद है । 

शिकायतकर्ता ने पत्रकार वार्ता में यह भी कहा कि जगजीवन प्रसाद अपने विधान परिषद सदस्य के पद का दुरुपयोग करते हुए मेरे ऊपर बार-बार अनावश्यक रुप जांच कराने का दबाव बना रहें हैं ।

इस संबंध में विधान परिषद सदस्य जगजीवन प्रसाद से फोन पर बात की गई तो उनका कहना था कि वह जांच से डरने वाले नहीं हैं और आरोप निराधार है उन्होंने कहा कि वह समय पर अपना जवाब प्रस्तुत कर देंगे ।

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