भिवंडी मनपा में 28 ग्राम पंचायतों को शामिल करने का किया जा रहा है विरोध

भिवंडी ।। भिवंडी मनपा की सीमा से सटे 28 ग्राम पंचायतों के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें मनपा में शामिल करने का प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया है। लेकिन रिंगरोड की तरह सरकार द्वारा 28 ग्राम पंचायतों को मनपा में शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है ।भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक निलेश चौधरी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर इसका कड़ा विरोध किया है। 

मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में निलेश चौधरी ने कहा है कि मनपा की सीमा से सटे हुए 28 ग्राम पंचायतों को मनपा में शामिल किए जाने से ग्राम पंचायतों का कामकाज समाप्त हो जाएगा। भिवंडी मनपा का कार्यक्षेत्र 26 वर्ग किलोमीटर तक है ,मनपा की सीमा से सटे  गोदामों के हब के रूप में जाने जाते हैं, जिसके कारण यहां की ग्राम पंचायतों की बड़े पैमाने पर आय होती है ।जिससे ग्राम पंचायतें विकास काम करने के लिए सक्षम हैं। इसके साथ ही एमएमआरडीए द्वारा निर्माण कार्य के लिए अधिक एफएसआई भी दी गई है ।
 
निलेश चौधरी ने पत्र में कहा है कि मनपा की आर्थिक हालत काफी खराब चल रही है, शहर के विकास के लिए मनपा सरकार से ज्यादा ज्यादा निधि की मांग करती है।इस समय मनपा के ऊपर 135 करोड़ रुपए का कर्ज है ,जिसे मनपा के लिए कर्ज का भुगतान करना संभव नहीं है ।सन 1984 में कामतघर,नारपोली,चाविंद्रा,पोगाव,टेमघर,भादवड़ एवं नागांव ग्राम पंचायतों को तत्कालीन नगर पालिका में शामिल किया गया था ।नगर पालिका में शामिल करने के बाद भी लगभग 36 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन गांवो का समुचित विकास नहीं हो पाया है । अब मनपा की सीमा से सटे हुए 28 ग्राम पंचायतों के सर्वांगीण विकास करने के बहाने उन्हें मनपा में शामिल करने के बाद उनका विकास कैसे होगा? 
   
उन्होंने बताया कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन दिया जा रहा है ।ठाणे जिला की ग्राम पंचायतें, नगर पंचायतें,नगर परिषद एवं भिवंडी मनपा को छोड़कर अन्य सभी महानगर पालिकाओं में सातवां वेतन आयोग मंजूर करके सुधारित वेतन श्रेणी के अनुसार वेतन दिया जा रहा है। लेकिन अपनी जान मुट्ठी में लेकर काम करने वाले भिवंडी मनपा के कर्मचारियों को अभी भी सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन नहीं दिया जा रहा है। निलेश चौधरी ने मनपा कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन देने के लिए राज्य सरकार निधि बढ़ाकर देने की मांग की है ।
   
नगरसेवक निलेश चौधरी ने 28 ग्राम पंचायतों को मनपा में शामिल करने के निर्णय को गलत एवं दिशाभूल बताते हुए कहा है कि कल्याण मनपा में 27 गांवों को शामिल किया गया था । लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण  स्वतंत्र नगर परिषद बनाने के लिए परिपत्र तैयार किया गया है ।यदि भिवंडी की 28 ग्राम पंचायतों को मनपा में शामिल किया गया तो यहां के लोगों के लिए अन्याय होगा, जिसका कड़ा विरोध किया जाएगा ।         

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