
नीचे दुकान ऊपर मकान बनवाने में जुटे हुए प्रभाग समिति क्रमांक 04 के बीट निरीक्षक महेन्द्र जाधव !
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Aug 02, 2021
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जर्जर इमारतों के दुरुस्ती परवाना में भी है बड़ा झोल
भिवंडी।। भिवंडी शहर महानगर पालिका के प्रभाग समिति क्रमांक 04 सीमा अंर्तगत प्रतिवर्ष सबसे ज्यादा अवैध इमारतों का निर्माण कार्य होता रहा है.वैधानिक तरीके से नही बनी इमारतों पर अंकुश लगाने तथा कार्रवाई करने के लिए मनपा के आस्थापना विभाग में बिल्डिंग कम इंस्पेक्टर ( आरेखर ) डिप्लोमा धारक कर्मचारियों को बीट निरीक्षक व सहायक बीट निरीक्षक पद पर नियुक्ति करने का प्रावधान है.किन्तु आश्चर्य की बात है कि प्रभाग समिति क्रमांक 04 में बीट निरीक्षक पद पर क्लर्क महेन्द्र जाधव और सहायक बीट निरीक्षक पद पर रोड़ कामगार अमूल बारगडे की नियुक्ति कर दी गयी है.जिसके कारण इस क्षेत्र में बिल्डर व भुमाफियों का आतंक छाया हुआ है.प्रभाग के विभिन्न क्षेत्रों में दिनोरात अवैध इमारतों का निर्माण कार्य हो रहे है.इस खेल में मनपा कर्मचारियों का भारी भष्ट्राचार होने से इनकार भी नहीं किया जा सकता है।
एकता हॉस्पिटल के पीछे तेली पाडा में निर्माणाधीन अवैध सात मंजिला इमारत पर कार्रवाई नहीं :
इस प्रभाग के तेली पाडा स्थित एकता हॉस्पिटल के पीछे गल्ली में मेहमूद उबेदुल्ला मोमिन द्वारा सात मंजिला की अवैध इमारत बनाने का काम शुरू किया गया है.जिसका चार मंजिला अर्थात् पांच स्लैब का काम भी पूरा हो चुका है.किन्तु आश्चर्य की बात यह कि क्लर्क से बने बिल्डिंग कम इंस्पेक्टर ( आरेखर) यानी बीट निरीक्षक को शायद इतना भी ज्ञान नहीं है कि अवैध इमारतें तथा निर्माणाधीन इमारतों पर कैसे कार्रवाई की जायें अथवा क्या डीपीएल फोलो किया जायें.शायद इसलिए पांच मंजिला इमारत का काम पूरा हो जाने के बाद भी किसी भी प्रकार के कार्रवाई से वंचित रखा गया है अथवा भारी आर्थिक लेने देन होने से बिल्डर व ज़मीन मालिक को फायदा पहुँचाने के लिए उनके खिलाफ महाराष्ट्र महानगर पालिका अधिनियम 1949 तथा प्रादेशिक नगर रचना अधिनियम 1966 के कलम 52 प्रमाणे फौजदारी का मामला स्थानीय पुलिस थाना में नहीं दर्ज करवाया गया.यही नहीं इस इमारत को मनपा अधिनियम के तहत निर्णय देकर अवैध भी घोषित नहीं किया गया।
बिल्डिंग कम इंस्पेक्टर ( आरेखर) डिप्लोमा धारक कर्मचारी की नियुक्ति की मांग :
भारी संख्या में अवैध इमारतें बनने के कारण प्रतिवर्ष मनपा प्रशासन को लाखों रुपये राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है जिसके कारण मनपा प्रशासन नागरिकों के मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में असमर्थ साबित हो रही है.जिसे देख जागरूक नागरिकों ने मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख से मांग किया है कि बीट निरीक्षक पद पर बिल्डिंग कम इंस्पेक्टर ( आरेखर) डिप्लोमा धारक कर्मचारियों की नियुक्ति की जायें जिससे अवैध इमारतों पर अंकुश लग सकें और मनपा प्रशासन के राजस्व में वृद्धि भी हो सकें। इनकी नियुक्ति होने के पश्चात् बिल्डरो से भी नागरिक धोखाधड़ी के शिकार होने से बचेगें अगर समय के पहले अवैध इमारतों पर कार्रवाई होगी तो धीरे - धीरे अवैध इमारतों से शहर पूरी तरह मुक्त भी हो जायेगा।
जर्जर इमारतों के दुरुस्ती परमीशन व कार्रवाई में भी भष्ट्राचार :
प्रभाग में डिप्लोमा धारक बीट निरीक्षक नहीं होने के कारण आनन - फानन में क्लर्को ने कुल 289 इमारतों को जर्जर घोषित कर दिया.जिसमें सिर्फ 08 इमारतों पर मनपा का हथौड़ा चला है तथा 25 इमारतों के नल और पानी कनेक्शन खंडित किया गया.इसके साथ ही 34 जर्जर इमारतों को दुरुस्ती परमीशन भी दिया गया है.सुत्रों के मानें तो इस प्रभाग में सबसे ज्यादा अवैध इमारतों का निर्माण होता रहा है जिसे देखते हुए कई जमीन मालिकों को कायदा पहुँचाने के लिए उनसे सांठगांठ कर उनके जमीन पर बनी इमारतों में दादा परदादा के जमाने से रह रहे पगड़ी भाड़ेकरियों से इमारत खाली करवाने का ठेका भी इन्हीं क्लर्क छाप कर्मचारी द्वारा किया जाता है. जिसमें जमकर आर्थिक लेनदेन कर भष्ट्राचार होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बिल्डर ने नागरिकों से किया करोड़ों रुपए वसूल :
तेली पाडा एकता हॉस्पिटल के पीछे गल्ली में मेहमूद उबेदुल्ला मोमिन भष्ट्र क्लर्क छाप कर्मचारियों से सांठगांठ कर अवैध रूप से सात मंजिला का टावर (इमारत) बनाने का काम शुरू किया है.जिसका चार मंजिला तक काम भी पूरा हो चुका है.इसके विपरीत प्रभाग स्तर पर इस इमारत पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से बिल्डर इमारत को वैध घोषित कर कई लोगों को मकान बेंच भी दिया है.जिसके कारण इमारत में मकान लेने वाले धोखाधड़ी के शिकार हो रहे है.सात मंजिला अवैध इमारत पर मनपा द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से शहर के नागरिक अपने खुन पसीने की कमाई इस इमारत में एक मकान लेने में लगा रहे है.वही पर बिल्डर भी मोटी कमाई के चक्कर में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर आनन - फानन में इमारत का निर्माण कार्य पूरा कर लेना चाहता है.अगर कुछ वर्षो में जिलानी बिल्डिंग जैसे हादसे की पुनरावृत्ति होती है तो इसका जबाव दार कौन होगा ? बन रही अवैध इमारत पर बीट निरीक्षक महेन्द्र जाधव क्यों मेहरबान है ? क्या किसी राजनेता के डर से इमारत पर कार्रवाई करने से कतरा रहे है.या फिर आर्थिक लेनदेन हो जाने के कारण इस इमारत पर जानबूझकर कार्रवाई करने से वंचित रखा हुआ है ? ऐसे तमाम सवाल नागरिकों ने बीट निरीक्षक महेन्द्र जाधव पर उठाया है.क्या आयुक्त सुधाकर देशमुख सहायक आयुक्त सुनिल झलके स्वयं इसे संज्ञान में लेकर कार्रवाई करेंगे इस पर नागरिकों ने निगाहें बनाकर रखा हुआ है।
रिपोर्टर