भिवंडी शहर में फेक न्युज चैनलों पर पुलिस की हो रही बदनामी।

भिवंडी।। भिवंडी जैसे संवेदनशील शहर में कानून व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए पुलिस सदैव कार्यरत है.भिवंडी पुलिस उपायुक्त योगेश चव्हाण के नेतृत्व में छह पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षको ने अपने अपने क्षेत्रों में कोव्हिड काल के दरमियान अनेक सराहनीय कार्य कियें जिसकी चर्चा भी शहर के नुक्कड़ चौराहे पर चाय के दौरान नागरिकों द्वारा की जाती रही.इस दौरान भिवंडी यातायात पुलिस भी पीछे नहीं रही.गरीब गरजू तथा मजदूरों को यातायात पुलिस ने कल्याण नाका पर भोजन बनवाकर वितरित करवाया.जिसकी चाहुओर सराहना की गयी.किन्तु शहर में फर्जी तरीके से चल रहे यूट्यूब चैनलों के स्वयं घोषित पत्रकार व संपादकों ने यातायात पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दरमियान उनका विडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देने तथा उनसे बहसबाजी करते हुए अनेक घटनाएं दररोज घटित हो रही है.वही पर स्वयं घोषित पत्रकारों के कारण कानून को ताक पर रखकर वाहन चलने वाले वाहनों को यातायात पुलिस को मजबूरन छोड़ना पड़ रहा है.यातायात पुलिस विभाग में वाहन चेकिंग के दरमियान कई महिला पुलिसकर्मी भी नाकेबंदी के दरमियान उपस्थित रहती है.ऐसी ही एक महिला पुलिस कर्मी ने नाम नहीं छापने शर्त पर बताया कि भिवंडी शहर में वाहन चेकिंग करना अत्यंत कठिन काम है.यहाँ पर भारी संख्या में अवैध रूप से वाहन चलाऐ जाते है इन वाहनों से जब चेकिंग के दरमियान चालकों से लाइसेंस व कागज पत्र की मांग किया जाता है तो वाहन चालक लाईसेंस व गाड़ी संबंधी कागज पत्र ना देते हुए न्युज चैनल का प्रेस कार्ड दिखाकर धमकी देते है तथा चेकिंग के दरमियान उपस्थित पुलिस कर्मचारियों का विडियो बनाते हैं कभी कभी तो तीन से चार मोटरसाइकिलों से प्रेस लिखी पत्रकार नाकाबंदी पर आकर उगाही का आरोप लगाकर विडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देते है.इन स्वयं घोषित पत्रकारो से बिना कारण परेशान होना पड़ता है। 

 बतादें कि भिवंडी शहर में यूट्यूब के सोशल साइट पर लगभग दो दर्जन अवैध रूप से न्युज चैनल चलाऐ जा रहे है यही नहीं ऐसे स्वयं घोषित संपादकों ने कुकुरमुत्तो की तरह प्रत्येक गली मोहल्ले में चोर उचक्के को प्रेस कार्ड जारी कर पत्रकार भी बना दिया है.इसमें राशन दुकानदार, मटका जुगार की चिट्ठी लिखने वाला, देशी शराब का धंधा करने वाला, दूध बेचने वाला, चाय बेचने वाला, मोटरसाइकिल गैरेज में मैकेनिक का काम करने वाला, अंडा व पाव बेचने वाला, मुर्गी तथा गोश्त का दुकान चलाने वाला आदि का समावेश है.यही नहीं सार्वजनिक शौचालय में पानी मारने वाला भी आज प्रेस कार्ड धारक है। शहर में कुकुरमुत्तों के तरह फैले फर्जी पत्रकारों के खिलाफ भिवंडी के पत्रकार संगठना ने कई बार पुलिस उपायुक्त से मिलकर निवेदन पत्र देते हुए इन पर कार्रवाई करने की मांग कर चुका है किन्तु आश्चर्य की बात यह कि पुलिस विभाग भी अपने पत्रकार परिषद के दरमियान ऐसे ही पत्रकारों को बुलाकर सोशल नेटवर्किंग पर न्युज चलवाकर अपनी वाहवाही लूट लेने में जुटे हुई है.ऐसे स्वयं घोषित पत्रकार व यूट्यूब न्युज चलाने वाले यूट्यूबर अपने सब्सक्राइबर बढ़ाने के लिए फेक न्युज जैसा विडियो बनाकर वायरल कर कुछ भी दिखाने में परहेज नही करते है.बतादें कि सुशांत सिंह राजपूत मर्डर केस के मामले में तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर तथा मुंबई पुलिस की बदनामी करने पर 17 युट्युब चैनलों के खिलाफ फौजदारी व आई टी सेल के तहत मुंबई साइबर क्राइम पुलिस ने कार्रवाई किया था.अभी हाल में ठाणे जिला के दैनिक पत्रकार संगठना के पदाधिकारियो ने ठाणे पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर जिले में फैले यूट्यूब पर फेक न्युज चलाने वाले स्वयं घोषित पत्रकारों पर कार्रवाई करने की मांग किया है।

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