भिवंडी में एक हफ्ते से बंद साइजिग कंपनियों के कारण नागरिकों ने ली राहत की सांस, वायु प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट

भिवंडी।। भिवंडी शहर तथा ग्रामीण परिसर में पावरलूम मशीनों से भारी मात्रा में कच्चा कपड़ा तैयार किया जाता है.इन पावरलूम कारखानों को साइजिग कंपनियां कच्चा माल उपलब्ध करवाती है.महानगर पालिका क्षेत्र अंर्तगत लगभग 103 साइजिग कंपनियां स्थापित है। इन कंपनियों में 300 साइजिग मशीनरी प्रतिदिन कार्यावंतित रहती है. इन कंपनियों से भारी मात्रा में वायु प्रदूषण भी फैलता है.वही पर कंपनियां से निकलता केमिकल युक्त पानी को सीधे गटर व नाली में छोड़ दिया जाता है जिससे त्वचा व हृदय रोग जैसे अनेक घातक व जानलेवा बीमारियां भी फैलती है।

एक हफ्ते के लिए साइजिग कंपनियां बद :
भिवंडी में साइजिग कंपनियां की संगठना ने एक हफ्ते के लिए साइजिग कंपनियों को बंद रखने का निर्णय लिया है इस निर्णय के अनुसार 06 अगस्त से 13 अगस्त बीच सभी कंपनियां बंद रखी जायगी.जिसके कारण नागरिकों ने रोज वायु प्रदूषण फैला रही साइजिग कंपनियों से राहत की सांस ली है.इन कंपनियां के कारण शहर का वायु प्रदूषण सवसे ज्यादा खतरनाक स्तर पर पहुँचता है।

वायु प्रदूषण मापन की दो मशीनरी स्थापित :
बतादे कि भिवंडी शहर में वायु प्रदूषण मापन करने के लिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण कल्याण विभाग ने भिवंडी शहर के दो जगहों पर एयर प्रदूषण मशीनरी लगा कर रखा हुआ है जिसकी देखभाल तथा रोज रिपोर्टिंग के लिए एक केमिस्ट सहित तीन कर्मचारियों को नियुक्ति की गयी है किन्तु आईजीएम अस्पताल के सामने फायर बिग्रेड कार्यालय के ऊपर छत तथा बाह्यला देवी मंगल भवन की छत पर लगी मशीनरी काफी दिनों से बंद पड़ी हुई है. इस संबंध में केमिस्ट संजय केणे से संपर्क किया तो उसने संपर्क नहीं हो सका। 

साइजिग कंपनियों के बॉयलर में जलाई जाती है प्लास्टिक व चिंदी:
एक हफ्ते के लिए बंद साइजिग कंपनियों की संगठना ने माना कि कुछ साइजिग कंपनियों द्वारा उनके बाॅयलर में प्लास्टिक व कपड़े की चिंदी जलाकर पानी व भाप तैयार किया जाता है.सुत्रों की माने तो अधिकांश साइजिग कंपनियो में प्लास्टिक, चिंदी, व लकड़ी का इस्तेमाल होता है.जिसके कारण कंपनियों की चिमनियों से काला धुंआ का गुब्बार और राख निकलता रहता है.ऐसे कंपनियां रहिवासी परिसर में होने के कारण लोगों को जहरीले हवा में सांस लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है फिलहाल एक सप्ताह के लिए बंद साइजिग कंपनियों के कारण लोगों ने राहत की सांस ली है वही पर वायु प्रदूषण पर नियंत्रण हुआ है।

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