सरकारी विद्यालयों के विकास के लिए पहले से करीब तीन गुना अधिक धनराशि

वाराणसी । प्रदेश सरकार सरकारी विद्यालयों के रख-रखाव और अन्य सुविधाओं के लिए अब धन की कमी नहीं होगी। प्रदेश सरकार ने अनुदान आवंटन के नए मानक जारी किए है। इससे अनुदान राशि में वृद्धि वृद्धि हुई है। अब विद्यालयों के विकास के लिए पहले से करीब तीन गुना अधिक धनराशि मिलेगी। छात्र संख्या के आधार पर मिलने वाले अनुदान को कम्पोजिट ग्रांट कहा गया है। 

पहले स्कूलों को दो मदों में वार्षिक अनुदान मिलते थे। पहला रंगाई-पुताई और दूसर स्कूल ग्रांट। रंगाई-पुताई के मद में न्यूनतम पांच और अधिकतम 10 हजार रुपए मिलते  थे। स्कूल ग्रांट में प्राइमरी स्कूल के लिए पांच और जूनियर स्कूल के लिए सात हजार रुपए निर्धारित था। 

अब सभी अनुदान एक में करके इसमें स्वच्छता मद भी शामिल कर दिया गया है। पुराने मानक के अनुसार वाराणसी जैसे जिले 1.75 करोड़ रुपए मिलते थे। अब नए मानक के अनुसार 5.73 करोड़ रुपए मिलेंगे। जानकारों का कहना है कि अगर धनराशि का सदुपयोग हुआ तो सरकारी स्कूल भी चमकते हुए नजर आएंगे। छोटी-मोटी जरूरतों के लिए उन्हें बार-बार सरकार को नहीं लिखना होगा।

अनुदान विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में जाएगी। निर्देश के मुताबिक स्वच्छता सम्बन्धी सामग्री अनिवार्य रूप उपलब्ध रहनी चाहिए। अनुदान से निष्क्रिय उपकरण बदले जाएंगे। अग्निशमन यंत्र की रीफिलिंग कराई जाएगी। प्राथमिकता के आधार पर रंगाई-पुताई और ब्लैक बोर्ड की मरम्मत आदि कराने को कहा गया है। इस धनराशि से छोटी-मोटी मरम्मत भी कराई जा सकती है। इसके अलावा कौन-कौन से कार्य कराया जा सकता है, इसके बारे में विस्तृत निर्देश जारी किया गया है। 

खंड शिक्षा अधिकारी रैंडम आधार पर अपने ब्लॉक के बीस फीसदी स्कूलों का निरीक्षण कर विद्यालय में खरीदी गई सामग्री को स्टॉक रजिस्टर में अंकित करायेंगे। रिपोर्ट बीएसए को भेजेंगे। एडी (बेसिक) और बेसिक शिक्षा अधिकारी निरीक्षण के दौरान स्टॉक रजिस्टर जरूर देखेंगे।

रिपोर्टर

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