किक बॉक्सिंग की दुनिया में आजमगढ़ जिले का नाम रोशन करके पदक के साथ लौटने पर गृह जनपद में हुआ जोरदार स्वागत

आजमगढ़ ।। किसी लेखक ने अपने सुनहरे कलम से लिखा है कि - "वह पथ क्या? पथिक परीक्षा क्या? जिस पथ में फैले शूल न हों.. नाविक की धैर्य परीक्षा क्या? जब धाराएं प्रतिकूल हो!! ऐसे ही आजमगढ़ के गरीब कुल में पैदा हुए क्षेत्रीय किक बॉक्सिंग खिलाड़ी मो‌.एहतेशाम पुत्र श्री सैनुल हक जो काफी संघर्षों के बाद ब्लॉक स्तर से लेकर जिला स्तर पर नाम रोशन कर के राज्य स्तरीय किक बॉक्सिंग की दुनिया में पदक के साथ अपने जन्म स्थली आजमगढ़ पहुंचे। आजमगढ़ की धरती पर कदम रखते ही उनके क्षेत्र के तथा आजमगढ़ के जितने भी उनके चाहने वाले लोग थे आजमगढ़ रेलवे स्टेशन पर स्वागत के लिए लोगों का जमावड़ा लग गया। भारत माता की जय, हिंदुस्तान जिंदाबाद!! के नारों के साथ आजमगढ़ का रेलवे स्टेशन मानो देश भक्ति के रंग में रंग गया हो। लोगों के अंदर खुशी फूले नहीं समा रही थी। जो युवा वर्ग था उनके द्वारा किक बॉक्सिंग चैंपियन का स्वागत माला पहनाकर तथा गुलदस्ते देकर उत्साह के साथ एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर किया गया।

मो. एहतेशाम ने आजमगढ़ के युवाओं को यह संदेश दिये कि कोई भी कार्य करो उसमें अपना हंड्रेड परसेंट देने की कोशिश करो। आपकी मेहनत एक दिन जरूर रंग लाएगी। और कहा कि गांव के लड़कों के अंदर देश का नाम रोशन करने का जो जज्बा है उसे बाहर निकालने की जरूरत है। क्योंकि न जाने कितने पदक आपका इंतजार कर रहे हैं।

हैदराबाद उर्फ छतवारा गांव के ग्राम प्रधान राम सिंगार यादव ने कहा कि यह सौभाग्य है कि एक छोटे से गांव से निकलकर परेशानियों को दरकिनार करते हुए.. क्षेत्र का नाम गौरवान्वित करते हुए तथा युवाओं के अंदर नई चेतना जगाने का कार्य मो. एहतेशाम के द्वारा किया गया है भगवान से प्रार्थना है कि हिंदुस्तान का नाम रोशन करते हुए पूरे विश्व में अपने हुनर का परचम लहराये।

स्वागत करने वाले सदस्य मोहम्मद आरिफ उर्फ हाफिज जी, राम अवध यादव, शेख मनसूर, मो.नईम पल्सर, हाजी सैनुल हक, चंदन प्रजापति, रिंकू प्रजापति, शशि यादव, मोहम्मद नईम,मुमताज , तारीख हसन,नवसाद, मुख्तार अहमद, सचिन विश्वकर्मा, सोनू, प्रमोद राम इत्यादि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे

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