
महाराष्ट्र मे राजनेताओं की कुंड़ली खंगाली जा रही है, और गाज गिर रहा हैं दामादो पर ....
- रामसमुझ यादव, ब्यूरो चीफ मुंबई
- Sep 03, 2021
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मुंबई।। महाराष्ट्र आने वाले महानपालिका चुनाव के साथ साथ विधानसभा सभी की तैयारी भी हो रही है। प्रतिदिन महाराष्ट्र के राजनेता चर्चा मे पडे दिखाई दे रहे हैं और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चलूँ है। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पहले से मुसीबत में हैं। उन पर महाराष्ट्र पुलिस के ही अधिकारियों के जरिए 100 करोड़ रुपए हर महीने की वसूली का आरोप है।
उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई इस प्रकरण की जांच कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इसी प्रकरण से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में देशमुख और उनके करीबियों की जांच कर रही है। ईडी ने उनके परिवार की 400 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली है तथा उनके सहायकों को गिरफ्तार कर लिया है। अब देशमुख अपने दामाद गौरव चतुर्वेदी के कारण भी एक नई मुसीबत में फंसते दिख रहे हैं।
जमाई की इस करतूत - देशमुख की मुसीबतसीबीआई ने बुधवार को चतुर्वेदी को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया था। मामला ऐसा है कि पिछले सप्ताह कुछ चैनलों ने देशमुख को सीबीआई द्वारा क्लीनचिट दिए जाने की खबर बहुत जोरों से प्रचारित की। इस खबर का खंडन करते हुए सीबीआई ने इस विषय की भी जांच शुरू कर दी, और नागपुर स्थित वकील आनंद डागा को मंगलवार शाम गिरफ्तार कर लिया। इस मामले की तहकीकात कर रहे सीबीआई के सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को भी इसी सिलसिले में बुधवार को गिरफ्तार किया गया। साथ ही, अनिल देशमुख के दामाद चतुर्वेदी को उनके मुंबई स्थित घर से हिरासत में लेकर बांद्रा-कुर्ला काम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए ले जाया गया। हालांकि, कुछ घंटों बाद उन्हें घर जाने दिया गया। माना जा रहा है कि क्लीन चिट वाले मामले के सूत्रधार चतुर्वेदी ही थे और जमाई की यह करतूत देशमुख की मुसीबत कम करने के बजाय और बढ़ा सकती है।
एकनाथ खडसे के दामाद- गिरीश चौधरी भी ईडी की गिरफ्त में हैं। भाजपा छोड़ राकांपा का दामन थामने वाले एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी भी इन दिनों ईडी की गिरफ्त में हैं। आरोप है कि उन्होंने एकनाथ खडसे के राजस्व मंत्री रहते उनके पद का अनुचित लाभ लेते हुए पुणे की एक एमआईडीसी में 31 करोड़ कीमत का भूखंड सिर्फ 3.75 करोड़ में खरीद लिया था। इस सौदे के कारण सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। इस मामले में गिरीश चौधरी के अलावा उनके ससुर एकनाथ खडसे एवं सास मंदाकिनी खडसे भी ईडी के रडार पर हैं। तीन दिन पहले ही ईडी ने खडसे परिवार की 5.73 करोड़ की संपत्तियां जब्त की हैं। भविष्य मेंखडसे की मुसीबत और बढ़ सकती है।
नवाब मलिक भी दामाद- इसी प्रकार अक्सर महाविकास आघाड़ी सरकार के नेताओं के बचाव में उतरने वाले राकांपा नेता एवं उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मलिक भी दामाद के कारण चर्चा में रह चुके हैं। उनका दामाद समीर खान इसी वर्ष नौ जनवरी से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की गिरफ्त में है। जनवरी में एनसीबी ने करण सजनानी नामक ब्रिटिश नागरिक द्वारा अमरीका से मंगवाए गए 75 किलो मारिजुआना और 125 किलो अन्य नशीले पदार्थ बरामद किए थे।
इस मामले की जांच के दौरान ही करण सजनानी ने एनसीबी को बताया कि ये पदार्थ भारत में लाने की साजिश खान ने रची थी, एवं उसके लिए पैसा भी जुटाया था। आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कोर्ट खान की जमानत अर्जी खारिज कर चुका है। एक माह पहले एनसीबी ने सजनानी और खान के साथ राहिला और शाइस्ता फर्नीचरवाला तथा दक्षिण मुंबई के प्रसिद्ध मुच्छड़ पानवाला के एक मालिक रामकुमार तिवारी के खिलाफ आरोपपत्र भी पेश कर दिए हैं। इनमें से केवल रामकुमार तिवारी एवं शाइस्ता फर्नीचरवाला को ही जमानत मिली है। बाकी सभी जेल में हैं।
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