भिवंडी में जैन समाज के श्री विहार सेवा संघ की नौवीं बैठक

भिवंडी ।। देश में लाखों की संख्या में जैन समाज के  साधु व साध्वी पैदल ही पूरे देश का भ्रमण करते है। जिनके प्रवास को सुखमय और सुरक्षा की दृष्टि से श्री विहार सेवा संघ की स्थापना की गयी है। इस संघ के महाराष्ट्र व गुजरात राज्य की स्वयं सेवकों के नौवीं बैठक भिवंडी में संपन्न हुआ। जैन साधू व पूज्य श्रीमद विजय अक्षयबोधी सुरीश्र्वरजी महाराज व पं.पूज्य श्रीमद विजय महाबोधी सूरीश्र्वरजी महाराज के प्रमुख प्रवचनों के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में 121 विहार सेवा ग्रुप के लगभग दो हजार सदस्यों की उपस्थित थी।

जैन साधू व साध्वी देशभर में पैदल ही भ्रमण करते है। ज्यादातर उनकी यात्रा सुबह में शुरू होती है। सुबह घनघोर अंधेरा होने के कारण उनके साथ अनेक घटनाएं घटित होती है। जिसमें कई साधू व साध्वी की मृत्यु तक हुई है। जिसके कारण उन्होंने विहार सेवा संघ की स्थापना की और सुबह की यात्रा के दौरान सड़क पर उनके साथ जाने की अपील की। नौंव सदस्यों की शुरू इस संघ में आज लगभग 10 हजार युवक निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे है। बतादें कि सभी महामार्ग के नजदीक मुख्य गांवों में विहार ग्रुप की स्थापना किया है जिनका साल भर में एक बार वार्षिक सम्मेलन किया जाता है.इसी क्रम में भिवंडी के न्यू ओसवाल दीप वाडी स्थित शत्रूंजय धाम जैन मंदिर के सहयोग से‌ सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के दरमियान प्रवचन, विहार ग्रुप की स्थापना तथा सहभागी युवको के लिए भजन कीर्तन के कार्यक्रम का आयोजन के साथ साथ सर्वोत्कृष्ट सेवा कार्य करने वाले अहमदाबाद, नवसारी व नासिक स्थित विहार सेवा ग्रुप को प्रथम तीन पुरुस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के आयोजन को सफल बनाने के लिए भिवंडी के जैन संघ के सभी पदाधिकारियों ने कड़ी मेहनत की थी।

रिपोर्टर

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