सिद्धपीठ माता कामाख्या धाम को नई पहचान दिलाने की तैयारी

रुदौली, अयोध्या ।। कामाख्या धाम को अयोध्या धाम के उपनगर की पहचान दिलाने की तैयारी है। कामाख्या मंदिर रुदौली तहसील की सुनबा ग्राम पंचायत में स्थित है। लखनऊ-अयोध्या हाईवे से इसे सीधे जोड़ने के लिए सड़क का निर्माण अंतिम चरण में है।

लोक निर्माण विभाग का निर्माण खंड-दो सड़क का निर्माण करा रहा है। यह सड़क मवई चौराहा से सीधे कामाख्या भवानी मंदिर को जोड़ेगी। पीडब्ल्यूडी पहले ही एक करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस तीन कक्ष वाला गेस्ट हाउस यहां तैयार कर चुका है। परिवहन निगम की बस से कनेक्टविटी के लिए लगभग एक हेक्टेयर भूमि बस स्टेशन के लिए देने का प्रस्ताव उप जिलाधिकारी स्वप्निल यादव जिलाधिकारी को भेज चुके हैं।

जिलाधिकारी के हस्ताक्षर के बाद सुनबा राजस्व ग्राम की यह भूमि परिवहन निगम के प्रस्तावित बस स्टेशन के नाम दर्ज हो जाएगी। कामाख्या मंदिर के निकट गोमती नदी के किनारे श्रद्धालुओं के स्नान के लिए पक्का घाट निर्माणाधीन है। यही नहीं कामाख्या धाम के नाम से नगर पंचायत का प्रस्ताव लगभग एक वर्ष से शासन स्तर पर विचाराधीन है। विधानसभा चुनाव से पहले शासन स्तर से इसे मंजूरी मिलने की चर्चा तेज है।

प्रस्तावित नगर पंचायत में सुनबा, बिहारा, सैदपुर व सैमसी ग्राम सभायें शामिल हैं। सैमसी में ही पीएसी की नई वाहिनी के लिए साढ़े छह हेक्टेयर भूमि दिए जाने का प्रस्ताव भी अंतिम चरण में है। प्रस्तावित कामाख्या भवानी मार्ग पर ही आयुष महाविद्यालय के लिए दो हेक्टेयर से अधिक भूमि हुनहुना में जिलाधिकारी नितीश कुमार आवंटित कर चुके हैं। राजस्व अभिलेखों में यह भूमि राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के नाम दर्ज हो चुकी है

आयुर्वेद महाविद्यालय के लिए लगभग दो वर्ष से भूमि तलाशी जा रही थी। राजस्व ग्राम हुनहुना में लावारिस मिली 4.235 हेक्टेयर भूमि नवीन परती दर्ज होने पर विधायक रामचंद्र यादव की पहल पर राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के लिए प्रस्ताव तहसील से जिलाधिकारी को भेजा गया था। उस प्रस्ताव पर जिलाधिकारी की मोहर लग जाने से उसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया। पहले इसके लिए सदर तहसील में गंजा व मलिकपुर में भूमि प्रस्तावित की गई थी। अलग-अलग भूमि होने से यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ा था।

रिपोर्टर

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