चिन्हित गांवों में आज से घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान करेंगी आशा कार्यकर्ताएं

• कालाजार की चपेट हैं जिले के सात गांव, तीन साल में मिल चुके हैं आठ मरीज 

• मरीजों की खोज के लिये आशा कार्यकर्ताओं का किया जा चुका है उन्मुखिकरण

आरा ।। कालाजार उन्मूलन को लेकर राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। इस क्रम में एक बार फिर कालाजार मरीजों की खोज के लिये अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत नये मरीजों की पहचान की जा रही है। उक्त अभियान का संचालन मंगलवार से शुरू किया जा रहा है। सर्वप्रथम सदर प्रखंड से खोजी अभियान का संचालन किया जायेगा। जिसके बाद शेष प्रखंडों के चिन्हित गांवों में खोजी अभियान चलाया जायेगा। इस क्रम में आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखिकरण किया जा चुका है। जिसमें उन्हें अभियान की बारीकियों की जानकारी दी जा चुकी है। ताकि, चिन्हित गांवों में आज से घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान कर सकें। उन्हें बताया गया है कि रोगी खोज के दौरान 15 या 15 दिनों से अधिक बुखार से पीड़ित व्यक्ति जिन्होने बुखार के दौरान मलेरिया की दवा अथवा एन्टीबायोटिक दवा का सेवन किया हो एवं उसके बाद भी बुखार ठीक न हुआ हो, भूख की कमी एवं उदर का बड़ा होना जैसे लक्षण हो उन्ही व्यक्तियों की जांच आरके 39 किट द्वारा किया जायेगा। जिसके लिये उन्हें उक्त मरीजों को जांच के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र किया जाना है। जिसके बाद उनका इलाज शुरू किया जायेगा।

2019 में मिले हैं कालाजार के पांच मरीज:

विसरल लीश मैनियासिस (वीएल)  के डीपीओ चंदन कुमार ने बताया, कालाजार से जिले के सात गांव प्रभावित है। इनमें उदवंतनगर प्रखंड में चौकीपुर, बड़हरा में फुहान, बखोरापुर व मरहा, आरा सदर में जमीरा व धरहरा तथा शाहपुर में पंचखाेरी डेरा शामिल है। जिले में पिछले तीन साल के अंतारल में आठ मरीजों की पुष्टि हुई है। जिनमें 2019 में 5, 2020 में दो और 2021 में एक मरीज की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया, आशा, आगनबाड़ी एवं कालाजार इन्फार्मर द्वारा रेफर किये गये संभावित कालाजार मरीजों में यदि जांचोपरांत कालाजार पॉजिटिव पाये जाते है तो सरकार द्वारा निर्धारित प्रोत्साहन राशि 500 के अतिरिक्त जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी की अनुशंसा पर केएमआरसी द्वारा 1000 हजार रुपये के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जायेगा। वहीं, एक आशा, वार्ड हेतु आंगनबाड़ी द्वारा प्रतिदिन मात्र 50 घरों में ही खोज किया जाना है। अधिकतम 250 घरों में रोगी खोज करने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में एक मुश्त 200 रुपये की दर से भुगतान किया जायेगा।

सभी पीएचसी में नि:शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध: 

वीडीसीओ अजीत कुमार ने बताया, कालाजार मरीजों के इलाज की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्होंने दी जायेगी। 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।

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