30 दिन बाद भी मोबाइल टाॅवर कंपनी पर नहीं हुआ मामला दर्ज, सहायक आयुक्त खाने की कार्यशैली संवेदनशील व संदिग्ध ?

भिवंडी।। भिवंडी पालिका के प्रभाग समिति क्रमांक एक अंर्तगत जब्बार कंपाउंड में लगे अवैध इंडस मोबाइल टाॅवर कंपनी व जमीन मालिक के खिलाफ स्थानीय पुलिस थाना में महाराष्ट्र प्रादेशिक व नगर रचना अधिनियम 1966 के कलम 52 प्रमाणे फौजदारी के तहत मामला दर्ज नहीं करवाया गया। जिसके कारण इस प्रभाग के सहायक आयुक्त दिलीप खाने के कार्यशैली संवेदनशील व संदिग्ध नजर आ रही है। बतादें कि कई शिकायतकर्ताओं ने इस प्रकरण में मनपा अधिकारियों के बीच भारी भष्ट्राचार का आरोप लगाया है। नागांव -2 के सर्वे नंबर 91/14 के ज़मीन मालिक हयातुल्ला तजमुल खान व मेसर्स इंडस कंपनी ने मिलकर जब्बार कंपाउंड की मुख्य सड़क के फुटपाथ व नाले की जमीन कब्जा कर 10×10 फुट का चबूतरा बांधकर 40 फुट ऊँचा लोहे का मोबाइल टाॅवर खड़ा कर दिया।इस अवैध टाॅवर को लेकर तत्कालीन सभापति श्रीमति रजिया नसीर खान, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शहर सचिव देवानंद गौड़ आदि जागरूक नागरिकों ने सहायक आयुक्त को लिखित निवेदन पत्र देकर टार्वर को निकालने, जमीन मालिक व टाॅवर कंपनी पर एम आरटीपी के तहत मामला दर्ज करने की मांग किया था। इस प्रकरण को पत्रकारों ने अपने अपने अखबारों में हेड लाइन बनाकर बारंबार प्रकाशित किया। जिसके कारण मजबूरन सहायक आयुक्त दिलीप खाने ने टार्वर कंपनी व जमीन मालिक को नोटिस भेजा और मनपा के नगर रचना विभाग के इंजिनियर अविनाश चव्हाण द्वारा मोबाइल टार्वर को अवैध घोषित करने के बाद शिकायत कर्ताओं को बहकाने के लिए एम आरटीपी के तहत पुलिस थाना में मामला दर्ज करवाने के लिए सहायक आयुक्त दिलीप खाने ने शिकायत भी टाइप करवा ली। किन्तु 30 दिन बीत जाने के बाद भी सहायक आयुक्त ने फौजदारी के तहत मामला दर्ज नहीं करवाया। सुत्रों की माने तो मोबाइल टार्वर कंपनी के अधिकारियों और सहायक आयुक्त दिलीप खाने की इस बीच तीन से चार बार मीटिंग हुई है। जिसके बाद इस फाइल को कचरे में फेक दिया गया।

प्रभाग में इंडस कंपनी के 12 और अवैध मोबाइल टार्वर :
प्रभाग समिति क्रमांक एक अंर्तगत जब्बार कंपाउंड के आलावा सहायक आयुक्त दिलीप खाने के कार्यकाल में मेसर्स इंडस टाॅवर कंपनी ने 12 और अवैध मोबाइल टार्वर लगाया है। जिसके कारण सहायक आयुक्त दिलीप खाने और कंपनी का पुराना व गहरा रिश्ता बन चुका है। इसी प्रभाग समिति के निजामपुरा 4 था परिसर में अब्दुल समद मुजावर व अमान अपार्टमेंट होसिंग सोसाइटी और वंजारपट्टी नाका, पटेल कंपाउंड अंर्तगत ताहेरा अब्दुल अजीज बहाऊद्दीन के ओपन जगह पर मेसर्स इंडस टाॅवर कंपनी ने अवैध मोबाइल टार्वर लगाया है। इसी तरह धोखादायक अवैध इमारतों पर इंडस कंपनी ने सहायक आयुक्त दिलीप खाने से सांठगाठ कर मोबाइल टार्वर लगा लिया है। जिसमें निजामपुरा 4 था परिसर स्थित अयुब पठाण के मालमत्ता क्रमांक 268/0, नागांव -2 परिसर स्थित मधुकर पांडुरंग महाजन के मालमत्ता क्रमाक 312/0, मुनीर अहमद मकबूल अहमद के मालमत्ता क्रमांक 1657/0, अब्दुल लतीफ मर्चेंट के मालमत्ता क्रमांक 2062/0 पर दो इंडस मोबाइल टाॅवर, सुनिल रामचंद्र मिरोखे के मालमत्ता क्रमांक 2205/0, अल्लाउद्दीन मोहादाबिद अंसारी के मालमत्ता क्रमांक 1878/0 और जान मोहम्मद कंपाउंड में फैसल अंसारी / मजीद जहागीर जान मोहम्मद अंसारी के मालमत्ता क्रमांक 2030/0 शामिल हैं। इसी प्रभाग के कुल 12 जगहों पर इंडस कंपनी ने अवैध रूप से मोबाइल टार्वर लगाया है। सुत्रो की माने तो इंडस कंपनी द्वारा लगाऐ गये मोबाइल टार्वर पर चार से पांच मोबाइल कंपनियों की मशीनें लगाई जाती है। किन्तु जमीन मालिक को एक मशीन का भाड़ा दिया जाता है। वही पर कंपनियाँ चार से पांच कंपनियों से भाड़ा वसूल करती है। इसके साथ ही मनपा के टैक्स में भी झोल करती आ रही है। जिसके कारण इंडस कंपनी को मोटी कमाई हो जाती है। किन्तु आश्चर्य की बात है कि अवैध रुप से लग रहे मोबाइल टार्वरों पर मनपा के अतिक्रमण विभाग व शहर विभाग पूरी तरह से खामोशी बनाकर रखा हुआ है।

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