
कोरोना काल मे रेल्वे ने भी 500 करोड़ कमाए तत्काल शुल्क सेवा से....
- रामसमुझ यादव, ब्यूरो चीफ मुंबई
- Jan 03, 2022
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मुंबई।। कोरोना काल मे सबसे ज्यादा आम जनता का नुकसान हुआ। यही सच्चाई है लेकिन बहुत से उद्योगपतियों ने कोरोना काल मे बहुत पैसा बनाया। इस कडी में हमारे देश की रेलवे ने भी कोरोना महामारी काल में भी अच्छी कमाई की। उसने कोरोना गस्त वर्ष 2020-21 में तत्काल व प्रीमियम तत्काल टिकटों के शुल्क से ही 500 करोड़ से ज्यादा की कमाई की। इस वर्ष में रेलवे ने तत्काल टिकट शुल्क के रूप में 403 करोड़ रुपये और प्रीमियम तत्काल टिकट से 119 करोड़ रुपये अर्जित किए। इसी दौरान उसने डायनामिक फेयर के रूप में 511 करोड़ रुपये जुटाए।
रेलवे ने यह अतिरिक्त कमाई ऐसे समय की है जबकि वर्ष के दौरान कोरोना महामारी के चलते अधिकांश वक्त ट्रेनों का संचालन बंद रहा था। एक आरटीआई अर्जी के जवाब में रेलवे ने यह जानकारी दी है। तत्काल व प्रीमियम तत्काल श्रेणियों के यात्री वो होते हैं, जो कि आपात यात्रा के लिए प्रीमियम शुल्क अदा कर ट्रेनों में सफर करते हैं। मध्यप्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर की आरटीआई अर्जी के जवाब में रेलवे ने बताया कि उसे चालू वित्त वर्ष यानी 2021-2022 में सितंबर तक डायनामिक किराए से 240 करोड़, तत्काल टिकट से 353 करोड़ और प्रीमियम तत्काल टिकट शुल्कों से 89 करोड़ रुपये की आया हो चुकी थी।
वित्त वर्ष 2019-20 में, जबकि ट्रेनों के संचालन पर कोई पाबंदी नहीं थी, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने डायनामिक फेयर के रूप में 1313 करोड़ कमाए थे। वहीं तत्काल टिकटों से 1669 करोड़ और प्रीमियम तत्काल टिकटों से 603 करोड़ रुपये बटोरे थे।
संसदीय समिति ने तत्काल शुल्कों को अनुचित बताया था। ये आंकड़े ऐसे वक्त में आए हैं, जबकि संसद की रेलवे संबंधी स्थाई समिति ने तत्काल शुल्कों को कुछ हद तक अनुचित बताया था। समिति ने कहा था कि यह वित्तीय रूप से कमजोर उन लोगों पर बोझ की तरह है, जिन्हें अपने नजदीकी लोगों से मिलने के लिए आपात यात्रा करना पड़ती है, भले ही वह यात्रा बहुत कम दूरी की ही क्यों न हो। प्रीमियम टिकट की व्यवस्था 2014 में चुनिंदा ट्रेनों में शुरू की गई थी। इसमें 50 फीसदी टिकट डायनामिक फेयर के तहत तत्काल कोटा टिकट के रूप में बेचे जाते हैं।
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