
बिल्डर व मोबाइल टाॅवर कंपनियों को फायदा पहुंचा रहे है वार्ड अधिकारी खाने
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Jan 09, 2022
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भिवंडी।। भिवंडी शहर महानगर पालिका के प्रभाग एक के वार्ड अधिकारी दिलीप खाने बिल्डर व मोबाइल टाॅवर कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए अवैध इमारतों व मोबाइल टाॅवर कंपनियों पर कार्रवाई ना कर मनपा प्रशासन को दर वर्ष करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान कर रहे है। इस संबंध में अनेक शिकायतों के बावजूद भी मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख और अतिक्रमण विभाग उपायुक्त दिपक झिजाड चुप्पी साधे बैठे हुए है। प्रभाग समिति क्रमांक एक में लगभग 90 से 100 अवैध इमारतें निर्माणाधीन है। जिसमें से तो कईयो के तीन से चार मंजिला का काम भी पूरा हो चुका है। तो कईयों के प्लिंथ का काम शुरू है। इसके अलावा इनके कार्यकाल के दरमियान इंडस मोबाइल टाॅवर कंपनी ने धोखादायक, जर्जर अवैध इमारतों सहित सड़क व फुटपाथ की जमीन कब्जा कर बिना अनुमति लिये ही मोबाइल टाॅवर स्थापित कर रही है। इसमें भारी भष्ट्राचार होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। किन्तु आश्चर्य की बात यह है निर्माणाधीन अवैध इमारतों सहित लग रहे अवैध मोबाइल टाॅवरों पर मनपा कायदानुसार किसी प्रकार की कार्रवाई वार्ड अधिकारी खाने द्वारा नहीं किया जा रही है। गौरतलब हो वार्ड अधिकारी दिलीप खाने के कार्यकाल में इंडस टार्वर कंपनी का कुल 13 अवैध मोबाइल टाॅवर लग चुका है।जिसके कारण रहिवासी क्षेत्रो में बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैला हुआ है। वही पर रहिवासियों में अनेक प्रकार की जानलेवा बीमारियां फैल रही है। यही नहीं बहुत से प्राइवेट अस्पतालों के ऊपर भी मोबाइल टाॅवर लगा दिये गये है। इस संबंध में जागरूक नागरिकों द्वारा अनेक बार शिकायत करने के बावजूद वार्ड अधिकारी दिलीप खाने जानबूझकर अनजान बने हुए है। इन्हीं के क्षेत्र जब्बर कंपाउंड की मुख्य सड़क व फुटपाथ की जमीन कब्जा कर इंडस टाॅवर कंपनी के मैनेजर हिमाशू सिंह व जमीन मालिक हयातुल्ला तजमुल खान ने 40 फुट ऊँचा मोबाइल टाॅवर लगा दिया है। इसकी जानकारी होने के बाद वार्ड अधिकारी ने एक दिसंबर 2021 को दोनों के खिलाफ नोटिस जारी किया। किन्तु 40 दिन बीत जाने के बाद 40 फुट ऊँचा टाॅवर तो निकाला नहीं गया ना तो इसके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई की गयी। इस टार्वर को लेकर भारी भष्ट्राचार होने की चर्चा शहर में व्याप्त है। बतादे कि प्रभाग समिति क्रमांक में लगभग 100 से ज्यादा अवैध इमारतें निर्माणाधीन है। किन्तु किसी भी अवैध इमारत पर डीपीएल फोलो नहीं किया गया। जिसके कारण भूमाफिया व बिल्डर खुलेआम अवैध इमारतों का निर्माण कार्य जारी रखा है। आर्थिक तंगी से जूझ रही भिवंडी मनपा प्रशासन को दर वर्ष करोड़ों रुपए का नुकसान इसी प्रभाग से होने बावजूद ऐसे अधिकारी पर कार्रवाई नहीं करना वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यशैली भी संदिग्ध बनी हुई है।
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