बीमारियों की संभावना से बच्चों को पूरी तरह से सुरक्षित रखता है संपूर्ण टीकाकरण : डीआईओ

- आरोग्य दिवस के अवसर पर जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर शिशुओं को दिया जाता है टीका

- सभी टीकों का सही समय पर दिया जाना भी महत्वपूर्ण, ताकि बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके 

बक्सर ।। सरकार शिशुओं के लिये विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करती है। इन्हीं में से एक है बच्चों के लिये संपूर्ण टीकाकरण की व्यवस्था। जो न केवल बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाता है। बल्कि नवजात व शिशुओं के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करता है। जिले में भी इस कार्यक्रम का संचालन तटस्थता के साथ कराया जाता है। ताकि, जिले के सभी बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके। इसके लिये सदर अस्पताल के साथ-साथ अनुमंडल व प्रखंड स्तर के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में टीका उपलब्ध है। जहां पर अभिभावक अपने बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण कराते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार जिले में 75 प्रतिशत बच्चों का ही सम्पूर्ण टीकाकरण हो पता है। जिसमें जिले में 2 साल तक के 90.4 प्रतिशत बच्चों का सरकारी अस्पतालों व 6.4 प्रतिशत बच्चों ने निजी संस्थानों में टीका लगवाया जाता है। 

बच्चों में होने वाली सामान्य रोगों में भी कमी आती है :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, टीकाकरण एक प्रकिया है जिसमें टीका के जरिए बच्चों को संक्रामक रोगों के विरुद्ध सुरक्षित किया जाता है। इससे बच्चे में रोग प्रतोरोधक क्षमता का विकास होता है। टीकाकरण के कारण बच्चे में रोगों के संक्रमण में भी बचाव होता है। साथ ही, समय से बच्चों को प्रतिरक्षित करने से बच्चों में होने वाली सामान्य रोगों में भी कमी आती है। उन्होंने बताया, शिशु मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से अनेक ऐसी बीमारियां हैं, जिनको नियमित टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है। लेकिन इन सभी टीकों का सही समय पर दिया जाना भी महत्वपूर्ण है। ताकि, बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके। बच्चों में होने वाले पोलियो, टीबी, खसरा एवं रूबेला, निमोनिया, डायरिया, हैपेटायटीस-बी, गलाघोंटू, काली खांसी, दिमागी बुखार एवं टीटनेस जैसे कई गंभीर रोगों से टीकाकरण बचाव करता है एवं शिशु मृत्यु दर में काफ़ी कमी लाता है।

सप्ताह में दो दिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगता है शिविर :

डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, जिले में सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शुक्रवार को आरोग्य दिवस यानि ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाया जाता है। इस दौरान 5 साल तक के बच्चों को नियमित टीकाकरण सारणी के अनुसार टीका लगाया जाता है। आशा, आंगनबाड़ी एवं एएनएम के सहयोग से आरोग्य दिवस का सफ़ल संचालन किया जाता है। जिले के सभी आशा एवं एएनएम को टीकाकरण की महता पर नियमित उन्मुखीकरण भी किया जाता है। गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम के तहत आशाएं नियमित गृह भ्रमण करती हैं। वह नवजातों की देखभाल के साथ उनके परिजनों को टीकाकरण के विषय में भी जागरूक करती हैं।

कन्या शिशुओं की माताओं को दी जाती है 2000 रु. की प्रोत्साहन राशि :

'कन्या शिशुओं के सर्वांगीण विकास के मद्देनजर राज्य में जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना चलायी जा रही है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी सहयोग किया जाता है। कन्या शिशुओं की 2 वर्ष तक की आयु तक सम्पूर्ण टीकाकरण सम्पन्न कराने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा देय प्रोत्साहन धनराशि को ई-जननी पोर्टल पर ऑनलाइन करने का प्रावधान किया गया है। जिसका लाभ जिले के कई अभिभवकों ने उठाया है।'- डॉ. जितेंद्र नाथ, सिविल सर्जन, बक्सर

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