टैक्स विभाग में समय पर संपत्तियों का टैक्स नहीं लगाने से राजस्व का बड़ा नुकसान

भिवंडी।। भिवंडी मनपा के कर मूल्यांकन व कर निर्धारण विभाग में फैले व्यापक भष्ट्राचार के कारण अधिकारियों द्वारा जानबूझकर संपत्तियों के समय पर टैक्स नहीं लगाने से पालिका प्रशासन के राजस्व में बड़ा नुकसान होता रहा है। सुत्रों की माने तो नयें संपत्ति धारको से उनकी संपत्तियों पर टैक्स लगाने के लिए 15 रूपये से 18 रुपये प्रति स्क्वायर फुट के हिसाब से पैसो की मांग की जाती है। जब तक अधिकारियों को पैसे नहीं मिलते तब तक टैक्स से वंचित संपत्तियों पर टैक्स नहीं लगाया जाता है। इसके आलावा अधिकांश वाणिज्य संपत्तियों पर तीन पट्ट के दर (शास्ती) से टैक्स लगाकर उसी टैक्स को पैसे लेकर सामान्य दर से टैक्स लगा दिये जाते हैं। भष्ट्र अधिकारियों द्वारा कंप्यूटर से बकाया टैक्स व संपत्तियों के नंबर तक उड़ा दिये जाते है। ऐसा ही एक मामला गत दिनों उजागर हुआ था। शिकायतकर्ता आशिफ मंजूर शेख ने मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख को पुख्ता सबूत व निवेदन पत्र देकर अवगत करवाया है कि नागांव -2 के सर्वे नंबर 77/5, हिस्सा नं.4,5,6 पर वर्ष 2015 में तल अधिक सात मंजिल की आरसीसी इमारत बनाया था और पालिका के अधिकारियों को रिश्वत देकर इसी इमारत का वर्ष 2007-2008 से टैक्स लगवा दिया। पालिका प्रशासन ने इस इमारत को मकान नंबर 1764 भी जारी कर दिया। जिसके टैक्स का भुगतान किया जा रहा था। यही नहीं अधिकांश फ्लैटों का मालिकाना हक्क भी ट्रांसफर कर दिये गये थे। वर्ष 2021-22 तक इसी इमारत पर लगभग 21 लाख रुपये टैक्स बकाया था। जिसके कारण भष्ट्र अधिकारियों ने इमारत के मालिक से सांठगांठ कर उक्त इमारत का लगभग 14 लाख रुपये बकाया टैक्स कंप्यूटर से उड़ा दिये । यही नहीं इसी इमारत के मकान नंबर 1764 पर लगभग 5 लाख वर्तमान टैक्स बकाया था इसके बावजूद तत्कालीन कर मूल्यांकन व कर निर्धारण उपायुक्त नूतन खाडे़ ने इमारत को नया मकान नंबर 3307, जमीन मालिक के नाम पर जारी कर कंप्यूटर में फीट करवा दिया। यही नही इस इमारत के अधिकांश फ्लैट जो 900 से 1000 स्क्वायर फीट के ऊपर के क्षेत्रफल था। उन फ्लैटों को नियमानुसार डेढ़ पट्ट टैक्स लगना चाहिए था किन्तु तत्कालीन कर मूल्यांकन विभाग प्रमुख ने उन फ्लैटो के क्षेत्रफल में हेराफेरी कर सामन्य दर से टैक्स लगा दिये। इस भष्ट्राचार में पालिका के राजस्व में लगभग 21 लाख रुपये का आर्थिक नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। सुत्रों की माने प्रभाग समिति के वसूली अधिकारी से लेकर कर निरीक्षक, प्रभाग अधिकारी, टैक्स विभाग लिपिक, विभाग प्रमुख आदि कर्मचारी अधिकारी इस भष्ट्राचार में शामिल हैं। जिसकी जांच करने की मांग शिकायतकर्ता आसिफ मंजूर शेख ने आयुक्त सुधाकर देशमुख से की है। 

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