वरिष्ठ शिक्षक खान जाकिर हुसैन हुए सेवानिवृत

भिवंडी।। सलाहुद्दीन अय्यूबी मेमोरियल उर्दू हाई स्कूल एंड जूनियर कॉलेज भिवंडी के वरिष्ठ शिक्षक खान ज़ाकिर हुसैन 28 वर्षीय अध्यापकीय सेवा से निवृत्त हो गए। बता दें कि खान ज़ाकिर हुसैन मूलतः हिंदी विषय के अध्यापक होने के साथ साथ अंग्रेज़ी, गणित, उर्दू और मराठी विषयों के अध्यापन में भी गहरी रुचि रखते हैं। अपने सेवा काल में उन्होंने सलाहुद्दीन अय्यूबी डी एड कॉलेज, जूनियर कॉलेज, स्वयं सिद्धि मित्र संघ कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन और जी एम मोमिन महिला महाविद्यालय में अध्यापन कार्य किया। उन्हें कई बार अंजुमन फरोग ए तालीम , लायंस क्लब भिवंडी की तरफ से हिंदी और अंग्रेज़ी विषय के आदर्श शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। खान ज़ाकिर हुसैन की सेवा संपूर्ति के शुभ अवसर पर उनके स्टॉफ ने विद्यालय प्रांगण में एक शानदार विदाई समारोह का आयोजन  किया जिसकी अध्यक्षता जमाते इस्लामी हिंद भिवंडी के अध्यक्ष मौलाना औसाफ फलाही ने की। मौलाना शफी शोहरत अली के कुरान पठन के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। मोहम्मद इमरान शेख ने नात प्रस्तुत की। शिक्षक खान शफीक अहमद ने खान ज़ाकिर हुसैन का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत करते हुए उनकी बहुमुखी प्रतिभा के कई पहलुओं को श्रोताओं के सामने पेश किया। 

उन्होंने खान ज़ाकिर हुसैन की कर्तव्यनिष्ठा, समयबद्धता और संघर्षशीलता की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका व्यक्तित्व बहुआयामी है और हम सब के लिए अनुकरणीय है। अध्यापन के साथ साथ मराठी, फारसी, जर्नलिज्म और मास्टर ऑफ़ एजुकेशन की परीक्षाएं पास करना तथा अतिरिक्त समय में दूसरे कालेजों में भी शिक्षण एवं समुपदेशन करना सब के वश की बात नहीं है। सच कहा जाए तो खान ज़ाकिर हुसैन एक व्यक्ति नहीं, अपने आप में एक संस्था हैं। खान मोहम्मद साबिर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पूरे भिवंडी शहर में खान ज़ाकिर हुसैन जैसा ऑल राउंडर शिक्षक ढूंढने से भी भी नहीं मिलेगा। हिंदी, अंग्रेज़ी, मराठी भाषाओं के साथ साथ गणित विषय में भी इन्होंने अपना लोहा मनवाया है। इनके चले जाने से हमारे स्टॉफ को न सिर्फ इनकी कमी का एहसास होगा, बल्कि इनकी रिक्तता की भरपाई भी नामुमकिन है। साथी शिक्षक अंसारी अब्दुल मजीद ने खान ज़ाकिर हुसैन की मेहनत,लगन एवं प्रशासनिक सूझ बूझ की सराहना करते हुए कहा कि हमारे स्टॉफ में गुटबाजी का पूर्णतया अभाव है जिसका पूरा श्रेय खान ज़ाकिर हुसैन को जाता है। महिला शिक्षकों में अंसारी वहीदा और मोमिन रेशमा ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि खान ज़ाकिर हुसैन की मौजूदगी हमारे सब के लिए एक संरक्षक तथा मार्गदर्शक जैसी थी।कोई भी अड़चन या मसला पेश आने पर हमें उचित समाधान  खान सर की तरफ से जरूर मिलता था । आज वह सेवा से मुक्त हो रहे हैं, मगर हमारे दिलों से नहीं।सलाहुद्दीन अय्यूबी उर्दू हाई स्कूल एंड जूनियर कॉलेज की प्राचार्या खान अतिया बदीउज्जमा ने खान ज़ाकिर हुसैन को एक प्रतिभावान , अध्यवसायी और जुझारू शिक्षक होने के साथ साथ ख़ुद के लिए भी प्रेरणास्रोत बताया।
 
कार्यक्रम के अध्यक्ष मौलाना औसाफ फलाही ने  खान ज़ाकिर हुसैन की मेहनत और संघर्ष की सराहना करते हुए
उनके सुखमय, शांतिमय और स्वास्थ्यमय भावी जीवन की शुभकामना दी। उन्होंने आग्रह किया कि खान ज़ाकिर हुसैन पत्रकारिता के माध्यम से  समाज की सेवा के लिए अपने भावी जीवन का कुछ समय  अवश्य दें। अंसारी अब्दुल मजीद ने कार्यक्रम का सफल सूत्र संचालन किया और सुपरवाइजर फर्रुख नसीम ने आभार प्रदर्शन किया।इस अवसर पर डी एड कॉलेज की प्राचार्या राना सामिया, जूनियर कॉलेज के पर्यवेक्षक खान इरशाद, प्राइमरी स्कूल के पर्यवेक्षक आरिफ यूसुफ सहित सलाहुद्दीन का पूरा टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टॉफ मौजूद रहा। स्टॉफ की तरफ़ से खान ज़ाकिर हुसैन को फूलों का गुलदस्ता, शॉल कई अन्य उपहार देकर सम्मानित किया गया।प्रीति भोज के उपरांत विद्यालय के दो कर्मचारी वाजिद बेग और साहेबराव पाटिल ने खान ज़ाकिर हुसैन को उनके आवास तक पहुंचाया।

रिपोर्टर

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