
पालिका के अधिकारियों की मिली भगत से बेची जा रही है प्रतिबंधित मांगूर मछली
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Apr 21, 2022
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भिवंडी।। शहर में कपड़ा उद्योग व गोदाम क्षेत्र होने के कारण यहां पर अन्य प्रांतों से आऐ मजदूरों की संख्या बड़े स्तर पर निवास करती है। यह शहर मजदूर बाहुल्य शहर के नाम से भी पहचाना जाता है। जिसके कारण यहां पर छोटे - छोटे होटल, बिस्सी है इन होटल व बिस्सी में मजदूर खाना खाते है। ऐसे होटल मालिक मजदूरों के मांसाहारी खाना के नाम पर शासन द्वारा प्रतिबंधित मांगूर मछली को खिलाई जा रही है। मांगूर मछली खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारियां होने से खतरा बना रहता है। बतादें कि भिवंडी शहर के हसीन टाकीज, चौहान कालोनी, फातमा नगर, शांतिनगर आदि क्षेत्रों में प्रतिबंधित मांगूर मछलियों की होलसेल दुकाने है, ऐसे दुकानदार पालिका के मार्केट विभाग सहित संबंधित वार्ड अधिकारियों से सांठगांठ कर सड़कें के किनारे खुले आम प्रतिबंधित मांगूर मछली की बिक्री कर रहे है। गत वर्ष पूर्व मत्स्य विभाग सहित अन्न फुड एवं सौंदर्य प्रसाधन विभाग ठाणे ने वाडा व पडघा परिसरों में ऐसे तालाबों का विनिष्ठीकरण करवाया जिसमें मांगूर मछली का पालन किया गया था। इसके बावजूद शहर में आंध्र प्रदेश व कर्नाटक, बंगाल आदि राज्यों से ट्रकों में भरकर भारी मात्रा में मांगूर मछली की खेप उतर रही है। सुत्रों की माने तो प्रतिबंधित मांगूर मछली को शहर में बेचने के एवज़ में दुकानदार मार्केट विभाग सहित संबंधित ऐरिया अधिकारी को मोटी रकम देते है जिसके कारण ऐसे दुकानदारों पर पालिका प्रशासन भी आंखे मूंदकर बैठी है। इस सबंध में मार्केट विभाग प्रमुख गिरीश घोष्टेकर से दूरध्वनी से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि हमारे पास डंपर वाहन नहीं होने के कारण बिक्री की जा रही प्रतिबंधित मांगूर विक्रेताओं पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। जल्द ही ऐसे दुकानदारों पर कार्रवाई करने के लिए आश्वासन दिया है।
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