मारपीट में घायल अधेड़ की मौत, संगीनों के साये में हुआ अंतिम संस्कार, तनाव के चलते गांव छावनी में तब्दील

मिल्कीपुर,अयोध्या ।। जिले के कुमारगंज थाना क्षेत्र के देवगांव चौकी अंतर्गत ग्राम पंचायत देवगांव में मामूली सी बात को लेकर दो पक्षों में हुई मारपीट में घायल अधेड़ की लखनऊ ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने सात लोगों पर पहले से दर्ज हत्या के प्रयास के केस को अब गैर इरादतन हत्या में तरमीम कर दिया है। उधर, अधेड़ की मौत की जानकारी मिलते ही क्षेत्र में सनसनी फैल गई।

पुलिस ने मिल्कीपुर सर्किल के कुमारगंज, खंडासा और इनायतनगर थानों से भारी पुलिस फोर्स गांव में तैनात कर दी है। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस की मौजूदगी में ही शव का अंतिम संस्कार कराया गया। बुधवार सुबह करीब 8:30 बजे देवगांव एवं सुरती का पुरवा निवासी आधा दर्जन लोगों द्वारा ट्रैक्टर कोल्हू लेकर तेल पेराई करने जा रहे चालक युवक अशर्फी लाल को लाठी-डंडों से मारना पीटना शुरू कर दिया था।

यह देखकर अशर्फी लाल के चाचा आसाराम व उनके परिवार के कई लोग भी मौके पर पहुंच गए थे। मारपीट में अशर्फी लाल व उसके भाई को भी गंभीर चोटें आई थीं। इसके अलावा चाचा आसाराम घायल हो गए थे, जिन्हें जिला अस्पताल से लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया था।

घटना के बाद अशर्फी लाल की तहरीर पर हमलावर अनवर व उनके घर के रिजवान, तालिब, चांद बाबू, इबरार, नवसाद व कल्लू नाई निवासी सुरती का पुरवा के विरुद्ध थानाध्यक्ष वीर सिंह ने केस दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी गांव में पूरी तरह से माहौल शांतिपूर्ण है। कुछ आरोपियों को हिरासत में लेकर विधिक कार्रवाई की जा रही है।

 अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे संत परमहंस दास को पुलिस ने रोका ...

इधर अयोध्या के परमहंस दास अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अपनी कार से देवगांव जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें बारुन चौकी पर रोक लिया। इसके बाद वह पैदल ही निकल पड़े। परमहंस के हठ को देख एसडीएम मिल्कीपुर दिग्विजय प्रताप सिंह व क्षेत्राधिकारी आरके श्रीवास्तव सहित इनायत नगर थाने के प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए।

पुलिस के रवैये से नाराज परमहंस बारुन चौराहे पर धरने पर बैठ गए। लगभग 40 मिनट बाद रुदौली विधायक रामचंद्र यादव भी मौके पर पहुंचे उन्हें मनाया। शांति भंग होने के खतरे को दृष्टिगत रखते हुए उन्होंने अपना फैसला बदल लिया और अयोध्या लौट गए। हालांकि उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10 लाख की आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

रिपोर्टर

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