
भिवंडी पालिका के पर्यावरण विभाग से पालिका को प्रत्येक वर्ष करोड़ों का नुकसान
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- May 05, 2022
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भिवंडी।। भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका में एकमेव आर्थिक उत्पन्न का स्रोत घरपट्टी टैक्स वसूली के आलावा अन्य स्रोत नहीं होने के कारण प्रशासन की माली हालत बद से बदतर होती जा रही है। जिसके कारण नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने में प्रशासन पूरी तरह से असमर्थ साबित हुआ है। आर्थिक उत्पन्न के स्रोत नहीं होने से केन्द्र व राज्य सरकारों की निधियों से विकास काम पूरे किये जाते रहे है। बतादें कि पालिका के पर्यावरण विभाग में अधिकारिक तौर पर 43 डांईग, 94 साइजिंग,150 मोती कारखाने और 50 बेकरी हाउस संचालित है। महासभा ठहराव के अनुसार डांईग कंपनी को दस हजार, साइजिंग पांच हजार, मोती कारखाने एक हजार पांच सौ रूपये और बेकरी हाउस एक हजार रूपये वार्षिक फीस का प्रावाधान किया गया है। इसी प्रावधान के अंर्तगत पालिका को पर्यावरण विभाग से प्रत्येक वर्ष लगभग एक करोड़ 18 लाख रूपये का आर्थिक उत्पन्न होना चाहिए था, किन्तु विभाग के भष्ट्र व सुस्त कार्यशैली के कारण पालिका को इस वर्ष लगभग दो से तीन लाख रूपये फीस के रूप में राजस्व की वसूली हुई है। डूबती व कम वसूली के कारण पालिका प्रशासन को प्रत्येक वर्ष करोड़ों रूपये का आर्थिक नुकसान होता रहा है। बतादे कि इस विभाग में एक अधिकारी व एक लिपिक कार्यरत है इसके आलावा विभाग में प्राइवेट कर्मचारियों की संख्या तीन है। सुत्रों के माने तो प्राइवेट कर्मचारी दिन भर पालिका के कार्यों में व्यस्त होने व डांईग साइजिंग कंपनियों के चक्कर लगाने के कारण वें अपने मूल काम पर हाजिर नहीं हो पाते है। जिसके कारण शहर के तीन जगहों पर लगे वायु प्रदूषण मापन केन्द्र बंद पड़े हुए है। इस संबंध में विभागीय प्रमुख नितेश चौधरी ने बताया कि जो भी कंपनी मालिक पालिका के पर्यावरण विभाग से एन ओसी नहीं लिया है। उनके खिलाफ बहुत जल्द नोटिस जारी कर कार्रवाई की जायेगी। वही पर कंपनी मालिक द्वारा प्रत्येक वर्ष करोड़ों रूपये के नुकसान के संबंध में पूछने पर उन्होंने अपनी चुपी साध्य ली। सुत्रों की माने कंपनियों से एन.ओ.सी.के तय फीस के आलावा तीस से चालीस प्रतिशत अधिक वसूली के कारण कंपनी मालिकों ने पर्यावरण विभाग से एन ओसी लेना बंद कर दिया है। पालिका के आर्थिक उत्पन्न में नुकसान प्रकरण में स्थायी समिति सदस्य प्रशांत अशोक लाड ने 11 अप्रेल के हुए स्थायी समिति के सभा विषय में पर्यावरण विभाग प्रमुख नितेश चौधरी की अन्य विभाग में बदली कर शिस्तभंग की कार्रवाई करने की मांग किया है। किन्तु शासन से आऐ अधिकारियों में उनकी अच्छी घुसपैठ होने के कारण आज तक इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी।
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