नरसिंहगढ ब्लॉक में 8 लोगो के भरोसे 310 गांव के किसान, कैसे बनाएंगे खेती को लाभ का धंधा

राजगढ़/नरसिंहगढ ।। नरसिंहगढ ब्लॉक के कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को कोई जानकारी नही देते है बताया जा रहा है कि मंडावर गांव में किसानों द्वारा प्रि:मानसून के चलते गुरुवार से बोवनी करना प्रारंभ कर दिया है,बताया जा रहा है कि मंडावर में किसानों द्वारा अपनी इच्छानुसार यह बोवनी की गई है किसानों को कृषि विभाग में बैठे अधिकारियों के चेहरे तक नही देखे है ,किसानों द्वारा बताया गया है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा किसानों के लिये खाद्य बीज निःशुल्क वितरण का आता है और कुछ खाद्य बीज सबसिडी के माध्यम से कृषि विभाग के ग्राम सेवक के माध्यम से प्रत्येक गांवो में वितरण होता है लेकिन नरसिंहगढ ब्लॉक में तो खाद्य बीज की तो दूर की बात लेकिन जिम्मेदार लोग ही ग़ायब है,इधर किसानों को किसानों को समय पर बोवनी की ठीक से जानकारी न होने से किसान अपने खेतों की फसल ख़राब कर देते है बोवनी खराब होने से एक किसान दो से तीन बार तक अपने खेतों में फ़सल बुआई कर लेता है जिसका किसान को भारी नुकसान उठाना भी पड़ता है,इधर दवाई का छिड़काव की मात्रा एवं खाद्य डालने की विधि की भी जानकारी किसानों को शासन से उपलब्ध नही हो पाती है,

कृषि विभाग के अधिकारी नहीं आते गांवों में, किसानों को कैसे मिले योजनाओं की जानकारी

कृषि विभाग समय-समय पर किसानों के लिए सरकारी योजना के तहत कृषि सामग्री का वितरण करता है, लेकिन शासन स्तर से मिलने वाली सामग्री का लाभ पात्र किसानों को नहीं मिल पाता है। विभाग ने गांवों में कृषि मित्र बनाए हैं, इसके बाद भी योजनाओं पर ठीक तरह से अमल नहीं हो पा रहा है। इस मामले में पहले भी कई बार किसान शिकायत कर चुके हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं देते। नरसिंहगढ ब्लॉक  के कुछ किसानोंं ने बताया कि गांव में कभी कृषि विभाग अधिकारी व कर्मचारी को नहीं देखा है। साथ ही यहां कृषि विभाग से संबंधित योजनाओं की किसानो को कोई जानकारी नहीं है। ग्राम सेवक ने किसानों को खाद, बीज, दवाइयां आदि का वितरण नहीं किया है। जिससे यहां के छोटे किसानों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा का कहना है की हमारे विभाग में नरसिंहगढ ब्लॉक में कुल 40 ग्राम सेवक थे, 33 ग्राम सेवक रिटायर्ड हो गए, अब मात्र 6 ग्राम सेवक बचे है एक बाबू है,जिसमे से भी तीन लोग अगले महीने रिटायर्ड होने वाले है,जो मात्र 4 ही बचेंगे, साथ ही हमारे पास 132 ग्राम पंचायत के लगभग 310  गांव है ,स्टॉप की कमी के कारण व्यवस्था बिगड़ रही है ओर भर्ती प्रक्रिया हो नही रही है,साथ ही गांव में किसान मित्र बना रखे है जो किसानों को जानकारी देते रहते है, साथ ही ऐसे में शासन द्वारा कोई निःशुल्क खाद्य बीज,दवाई व अन्य सामग्री नही आती है,बस इस बार सोयाबीन का बीज आया है उसका भी भाव 10 हज़ार 50 रुपये क्यूंटल है जिसमे 2 हज़ार की सबसिडी है ।

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