पिछले 17 वर्षों में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों का सर्वेक्षण नहीं। कई परिवार आर्थिक रूप से संपन्न. तो असली जरूरतमंद लाभ से वंचित

भिवंडी।। भिवंडी पालिका क्षेत्र में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों का पिछले 17 सालो से सर्वेक्षण नहीं हुआ है। जिसके कारण कई परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के बावजूद भी केन्द्र व राज्य सरकारों के विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।। इसके उलट कई ग़रीब परिवार आज भी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित है। बतादें कि शासन ने वर्ष 2005 में इसका सर्वेक्षण करवाया था और गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को सरकार द्वारा मुफ्त योजनाओं का लाभ देकर उनके आर्थिक स्थित के सुधार में मदद की जाती है। लेकिन सर्वेक्षण नहीं होने के कारण कुछ लोगों की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होने के बावजूद सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे है। वर्ष 2005 में हुए सर्वेक्षण के दरमियान पालिका क्षेत्र में 7786 परिवार ग़रीब रेखा के नीचे पाऐ गये थे। प्रत्येक परिवार में औसतन 4 व्यक्तियों का समूह को मानते हुए लगभग 31 हजार 144 लोग गरीबी रेखा के अंतर्गत आते है। इसके लिए प्रति व्यक्ति आय 591 रुपये 96 पैसे मानकर वार्षिक, चार व्यक्तियों के परिवार की आय 28 हजार 414 होती है, 17 वर्षों में इन परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। किन्तु कुछ परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की तरह योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। विशेष रूप से इस सूची में शामिल व्यक्तियों को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मुफ्त जानकारी प्रदान की जाती है। जिसका लाभ उठाते हुए ऐसे कुछ व्यक्तियों द्वारा सूचना का अधिकार आवेदनों में राशन कार्ड व अन्य सबूत लगाकर विभिन्न विभागों से बिनाकरण जानकारी मांगी जाती है। जिसके कारण पालिका मुख्यालय में सूचना का अधिकार के आवेदनों की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्ष 2010 में सामाजिक आर्थिक जाती प्रमाणे हुए सर्वेक्षण में 86 हजार परिवार को शामिल किया गया था। जिनकी वित्तीय आय सीमा एक लाख रुपये निर्धारित की गई है। ऐसे परिवार के लोगों को स्वरोजगार ऋण, कौशल प्रशिक्षण एवं सामूहिक योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

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