भिवंडी पालिका में विवादित मामले की हजारों संपत्तियो के प्रकरण प्रलंबित

भिवंडी।। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय नेता से राष्ट्रपिता सेवा पखवाड़ा 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2022 तक लागू करने के लिए निर्देश दिए गए है। इस कालावधि में विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करना, संपत्ति हस्तांतरण का पंजीकरण, नए नलों को जोड़ना, संपत्ति कर लगाना और मांग पत्र जारी करने जैसे आवश्यक कार्य किए जाएंगे। जो मुख्य रूप से नागरिकों से संबंधित है। किन्तु ताज्जुब की बात यह है कि पालिका के कर मूल्यांकन विभाग में कई वर्षों से प्रलाबिंत विवादित संपत्तियों के प्रकरण आज भी सुलझाऐ नहीं गये। जिसके कारण नागरिकों को करमूल्यांकन विभाग सहित प्रभाग समिति के कार्यालयों में दर -दर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सुत्रों की माने तो ऐसे प्रकरण की हजारों की संख्या में फाइलों पालिका के कर मूल्यांकन विभाग में प्रलाबिंत है। जिसमें संपत्तियों के निर्लागित प्रकरण, दुबारा नोंद प्रकरण, निष्कासित इमारत के टैक्स प्रकरण,अस्तित्व में संपत्ति नहीं होने के बावजूद टैक्स आना, इमारत के संपूर्ण दिगरबाद के बाद भी मूल मकान पर टैक्स आना, इमारत टूटने अथवा पालिका द्वारा तोड़े जाने के बाद भी टैक्स चालू रहना,एक ही इमारत को दो -दो बार टैक्स आना जैसे अनेक महत्वपूर्ण प्रकरण के शिकायते की फ़ाइलों का समावेश है। प्रभाग समितियों में कर दाताओ व संपत्ति मालिकों की शिकायतों के बाद भूभाग और प्रभाग स्तर पर इसकी जांच कर फ़ाइलों की मूल प्रत मुख्यालय स्थित कर मूल्यांकन विभाग में बार कोड नुसार भेज दी जाती है। कर मूल्यांकन विभाग में ऐसी फाइलों को जानबूझकर अधिकारियों द्वारा कई महीनों तक पेंडिग रखा जाता है। हालांकि ऐसी फ़ाइलों के कारण पालिका की डिमांड रकम बढ़ जाती है। ऐसी संपत्तियों के बकाया टैक्स पर हर वर्ष ब्याज की रकम जुड़ने से डिमांड रकम करोड़ों रूपये में दिखाई पड़ती है। लेकिन पालिका व कर दाताओ के बीच विवादित प्रकरण होने के कारण ऐसी डिमांड रकम की वसूली कभी नहीं हो पाती है। संपत्तियां जगह पर ना होने पर भी उनका टैक्स चालू रहता है। इसी तरह प्रभाग समिति क्रमांक एक के नागांव 1 सीमा अंर्तगत संपत्ति क्रमांक 2110,2111 के मालिक ने अपने इमारत के संपूर्ण फ्लैट की बिक्री व पालिका से फ्लैटों का दिगरबाद करवाने के बाद भी उनके मूल घर पर  टैक्स चालू होने के कारण लाखों रूपये बकाया आता है। पिछले पांच सालों से आ रहे टैक्स को बंद करने के लिए प्रभाग समिति कार्यालय व कर मूल्यांकन विभाग में शिकायत कर रहे है। भूभाग स्तर व प्रभाग स्तर पर इस प्रकरण की जांचकर 15 जून 2022 को बार कोड 13005/21-22,13007/21-22 नुसार मूल फ़ाइल की एक प्रत मुख्यालय के कर मूल्यांकन विभाग में भेजी गई है। किन्तु पांच महीने बीत जाने के बाद भी कर मूल्यांकन अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। पता लगाने पर पता चला कि ऐसे प्रकरण की फ़ाइलों की संख्या हजारों में होने के कारण अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति पर लाखों रुपये टैक्स बकाया होने के बाद उसी संपत्ति का अधिकारियों से सांठगाठ कर नया नंबर जारी करवा लेते हैं। जिसके कारण पुराने नंबर पर भी टैक्स चालू रहता है। किन्तु लाखों रूपये टैक्स बकाया होने के कारण संपत्ति मालिक नया नंबर पर ही टैक्स भरता है। पुराने नंबर पर टैक्स बढ़ता रहता है। जिसकी वसूली नहीं हो पाती है। ऐसी फ़ाइलों को गुपचुप तरीके से कर मूल्यांकन अधिकारियों द्वारा गायब करने के कई मामले कर मूल्यांकन विभाग में हो चुके है। क्या राष्ट्रीय नेता से राष्ट्रपिता तक सेवा पखवाड़ा में 26 सितंबर के विशेष शिविर में  संपत्ति मालिकों के ऐसे विवादित प्रकरण पालिका आयुक्त सुलझाने में कामयाब होगें, इस प्रकार का सवाल जागरूक नागरिकों ने उठाया है।

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