लोक अदालत के अहम फैसले से करदाताओं का बड़ा झटका पालिका के राजस्व में 60 लाख से अधिक रकम जमा

भिवंडी।। किसी भी स्थानीय स्वराज संस्था के कामकाज के लिए धन की आवश्यकता होती है। बढ़ते शहरीकरण के कारण विकास गतिविधियों के लिए धन उत्पन्न करने के लिए विभिन्न राजस्व स्रोतों में से  स्थानीय संपत्ति कर बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। महानगर पालिका की वित्तीय स्थिति के आधार पर शहर के नागरिकों को सेवाएं प्रदान करते है। हालांकि महानगर पालिका द्वारा नागरिकों को अभय योजना जैसी सुविधाएँ की घोषणा करने और जब्ती जैसी कार्रवाई करने के बाद भी नागरिक, बकायादार करदाता अपनी संपत्ति कर का भुगतान करने के लिए तैयार नहीं है। भिवंडी पालिका में ऐसे बकाया दारों से कर भुगतान करने के लिए अनिवार्य कर दिया है। पालिका की वित्तीय आय बढ़ाने के लिए कर दाताऔ के विभिन्न करों का भुगतान करने के लिए लोक अदालत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। 93 मामलों में दिए गए निर्णय के कारण महानगर पालिका के तिजोरी में 64,70,329 रूपये जमा हुआ है। लोक अदालत के इस अहम फैसले से भिवंडी के बकाया करदाताओं को बड़ा झटका और महानगर पालिका को राहत मिली है।

भिवंडी पालिका सीमा अंर्तगत कर को लेकर अनेक संपत्तियों का विवाद चल रहा था। पालिका के प्रशासक एवं आयुक्त विजयकुमार म्हसाल, अतिरिक्त आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे, उपायुक्त मुख्यालय दीपक पुजारी, उपायुक्त कर दीपक जिंझाड के मार्गदर्शन में पालिका के प्रभाग समिति एक से लेकर पांच अंर्तगत संपत्ति कर व विविध कर बकायादारों को लोक अदालत द्वारा 1250 नोटिस जारी किए गए थे।  शनिवार 12 नवंबर को भिवंडी कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश परवेज शहजाद के मार्गदर्शन में  न्यायाधीश ए.के.शर्मा,एल.  सी.वाडीकर के दरबार में महा नगरपालिका की शिकायत के संबंध में तालुका विधि समिति के सहयोग से लोक अदालत का आयोजन किया गया था।इस दरमियान पालिका की ओर से जारी नोटिसों दाखिल किये गये। इस दरमियान 1250 नोटिसों में से 13 संपत्ति मालिक, करदाता अदालत में पेश हुए और नोटिस का जबाब नहीं दिया किन्तु महानगर पालिका प्रशासन के साथ समझौता करने पर सहमत हुए। अनुमानित 5 करोड़ संपत्ति बकाया में से कुल 64 लाख 70 हजार 329 रुपये का राजस्व महानगर पालिका के खजाने में जमा हुआ है। चूंकि यह निर्णय भिवंडी महानगर पालिका के इतिहास में पहली बार हुआ है। इसका शहरवासियों द्वारा व्यापक स्वागत किया गया है और लोक अदालत द्वारा दिए गए इस निर्णय के कारण बकायादार करदाताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है और पालिका के आय बढ़ाने का रास्ता खुल गया है। इस प्रकार की जानकारी पालिका के जनसंपर्क अधिकारी सुनिल झलके ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है।

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