प्रभाग स्तर पर संपत्तियों के टैक्स संबंधी सभी अधिकार देने की मांग

भिवंडी।। भिवंडी पालिका के कर मूल्यांकन व कर निर्धारण विभाग में विवादित संपत्तियों के प्रकरण की हजारों फ़ाइले कई वर्षों से पेंडिग होने के कारण जहां डिमांड रकम में चार गुना वृद्धि हुई है। वही पर नागरिकों के सेवा पखवाड़ा में निर्णायक न्याय ना मिलने के कारण टैक्स संबंधी सभी अधिकार प्रभाग अधिकारियों को देने की मांग अब करदाताओ द्वारा किया जाने लगा है। सुत्रों की माने तो पालिका को टैक्स देने के पहले शेयर मार्केट के भाव नुसार भष्ट्र अधिकारियों को टैक्स देना पड़ता है। इससे नगरसेवक भी अछूते नहीं है उन्हें भी कतार में आने की बात कही जाती है। जिसके कारण बड़े पैमाने पर बिना टैक्स ही नागरिकों द्वारा संपत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे पालिका के राजस्व में भारी नुकसान हो रहा है। पालिका के पूर्व आयुक्त सुधाकर देशमुख ने पिछले वर्ष 2021 में संपत्तियों का नये तरीके से सर्वेक्षण कर तत्काल टैक्स लगाने के लिए आदेश जारी किया था। जिसके बाद संपत्तियों का सर्वेक्षण हुआ किन्तु इसमें भारी लीपापोती हुई। इस लीपापोती के कारण अधिकांश संपत्तियों को दो दो बार टैक्स लगा दिये गये। संपत्ति धारक द्वारा इसकी शिकायत के बाद उनकी संपत्ति को विवादास्पद बताकर पेंडिग फाइल में डाल दी गई है। किन्तु ऐसी संपत्तियों पर ब्याज की रकम बढ़ने से डिमांड की रकम में भारी वृद्धि हुई है। कर मूल्यांकन व कर निर्धारण विभाग में बैठे तानाशाह अधिकारी व कर्मचारियों के कारण पिछले 2016 से विवादास्पद संपत्तियों का निपटारा नहीं किया गया जिसके कारण पांचों प्रभागों में विवादास्पद संपत्तियों की संख्या हजारों में पहुँच गई है। प्रभागों में कार्यरत कर निरीक्षक व भूभाग लिपिक ऐसी संपत्तियों की फाइल बनाकर नियमाप्रमाणे कार्रवाई के लिए कर मूल्यांकन व कर निर्धारण विभाग में बार कोड़ नुसार फाइलों को भेज दी जाती है। इस कार्यालय में फ़ाइले धूल खाती पड़ी रहती है अगर कोई जागरूक नागरिक अथवा करदाता अपने फाइलों की खोजबीन करता है तो उनकी फ़ाइलो को स्पष्ट अहवाल सादर करने के लिए पुनः प्रभाग के भूभाग लिपिकों के पास भेज दी जाती है यह खेल पिछले 2016 से खेला जा रहा है। करदाताओ द्वारा अनेक शिकायतों के बाद भी उनका निपटारा नहीं किया जा रहा है।

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