
भिवंडी पालिका के कर मूल्यांकन विभाग बना भष्ट्राचार का अड्डा। एक ही संपत्ति के दो दो बार टैक्स
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Nov 29, 2022
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भिवंडी।। भिवंडी पालिका के कर मूल्यांकन विभाग में फैले भष्ट्राचार के कारण जहां नागरिकों के काम अधर में लटके हुए है। वही पर इस विभाग के अधिकारी से लेकर चपरासी तक भष्ट्राचार करके लालमलाल हो रहे है। जिसके कारण पालिका प्रशासन को प्रत्येक वर्ष करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान होता रहा है। इस विभाग में दोबारा नोंद, संपत्ति का अस्तित्व ना होने के बाद भी टैक्स चालू होना, एक ही संपत्ति को दो दो बार टैक्स आना, संपूर्ण संपत्ति का दूसरे नामों पर हस्तांतरण व दिगरबाद होने के बावजूद मूल संपत्ति नंबर पर लाखों रूपये टैक्स आना, संपत्ति के पुराने व नये नंबर दोनों पर टैक्स पार्वती आना जैसे अनेक विवादास्पद मामलों का निपटारा ना होने से संपत्ति पर बाकाया टैक्स व उसकी बढ़ती ब्याज की रकम से डिमांड रकम में भारी वृद्धि हुई है। जिसकी वसूली करना नाकों से चना चबाना जैसा है। ऐसे प्रकरण की हजारों फ़ाइलें इस विभाग में धूल खा रही है। सुत्रों की माने इस विभाग में कार्यरत अधिकारी संपत्तियों के शास्ती टैक्स में फेरबदल कर समान्य दर प्रमाणे टैक्स लगाने व इमारतों के सामान्य दर प्रमाणे एसेसमेंट करने जैसे कार्यो में लिप्त रहते है। ऐसे मामलों में इनका लाखों का वारानिवारा हो जाता है। यही नहीं अपने फायदे के लिए कंप्यूटर से बकाया टैक्स की रकम को उड़ा देना और संपत्ति पर टैक्स लगा होने के बावजूद दोबारा टैक्स लगा देने के प्रकरण में भष्ट्राचार उजागर होने पर ऐसी फ़ाइलें को गायब कर देना इस विभाग पुराना खेल है। शिकायतकर्ता बांधकाम व्यवसायी आसिफ मंजूर शेख ने बताया कि उन्होंने नागांव परिसर में इमारत का निर्माण किया था। इस इमारत को तत्कालीन कर मूल्यांकन अधिकारियों मार्फ़त टैक्स लगवाया था। विभाग ने इस इमारत पर टैक्स लगाकर मकान नंबर 1764 भी जारी कर दिया है। इसके कई फ्लैट ग्राहकों को हस्तांतरण व दिगरबाद भी कर दिये गये। वही पर बांधकाम व्यवसायी आसिफ शेख ने लगभग तीन से चार लाख रूपये का टैक्स भी भुगतान कर चुका है। वर्ष 2020 के आखिर तक इस इमारत पर साढ़े पांच लाख रूपये टैक्स बकाया होने के बावजूद 23 मार्च 2021को इसी इमारत पर नया टैक्स लगाकर नया मकान नंबर 3307 जारी कर दिया गया। जिसके कारण एक संपत्ति पर अब दो दो बार टैक्स आ रहा है। इस संबंध में शिकायत करने के एक साल बीत जाने के बाद भी निपटारा नहीं किया गया। इसी तरह वर्ष 2012 में हुए सर्वेक्षण में संपत्तियों के पुराने नंबर व नया नंबर दोनों पर टैक्स पार्वती आने से करदाता असमंजस में पड़े हुए है कि कौन से पार्वती का भुगतान करना है। कई संपत्तियों के सभी फ्लैट दिगरबाद व हस्तांतरण होने के बाद भी मूल घर नंबर पर टैक्स चालू होने व ब्याज की रकम में वृद्धि होने से लाखों रूपये टैक्स बकाया होता चला आ रहा है। जिसके कारण डिमांड की रकम में बेतहाशा वृद्धि हुई है। यही नहीं कर मूल्यांकन विभाग में ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी नहीं होने के कारण ऐसे फाइलों की संख्या हजारों में पहुँच गई है। जिसका निपटारा नही होने से करदाता भी टैक्स की रकम बकाया रखा है। मतदाताओं व जागरूक नागरिकों ने करमूल्यांकन विभाग में ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति की मांग पालिका आयुक्त से की है।
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