जल है तो कल है, कामवारी नदी की सफाई में नागरिक सहभागी बनें -- अतिरिक्त आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे

भिवंडी।। भिवंडी शहर के बढ़ते शहरीकरण के कारण शहर की एकमेव कामवारी नदी का प्रवाह कम हो गया है.यही नहीं इस नदी में विभिन्न मार्गों से कंपनियों द्वारा प्रदूषित पानी छोड़े जाने से पानी भी प्रदूषित हो चुका है। यह एक गंभीर समस्या नागरिकों को प्रभावित कर रही है। भविष्य में पानी के लिए युद्ध की भी संभावनाएं है। राज्य और शहर की नदियों को विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचाने के लिए एवं भविष्य में पानी की समस्या हल करने के लिए नदी को मुख्य वाहन बनाने हेतु महाराष्ट्र शासन के नगर विकास विभाग ने निर्देश जारी किया है। इनके आदेशानुसार स्वतंत्रता अमृत महोत्सव के तहत नदी से जुड़े यह उपक्रम अंर्तगत नदी संवाद यात्रा का आयोजन महानगरपालिका क्षेत्र की नदियों की समस्याओं का अध्ययन कर समाधान करने के लिए काम शुरू किया गया है।इसके लिए आज पालिका आयुक्त के कॉन्फ्रेंस हॉल में एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में अतिरिक्त आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे ने कहा कि जल ही जीवन है। जीवन जीना है तो नदी और पर्यावरण को बचाना हमारा पहला कर्तव्य है और इसके लिए हम सभी को ईमानदारी से काम करने की जरूरत है।नहीं तो आने वाली पीढ़ी हमें कतई माफ नहीं करेगी। इसलिए जल है तो कल है के नारे के अनुसार नागरिकों को प्रत्यक्ष जिम्मेदारी लेनी चाहिए और नदी बचाव कार्य में भाग लेना चाहिए तभी प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होगा। इस बैठक में श्रीमती स्नेहल दोंदे ठाणे (जल पहरी सदस्य) ने स्लाइड शो के माध्यम से भिवंडी की एकमेव कामवारी नदी के बारे में विस्तृत जानकारी दी और इसके उपाय सुझाए। इस अवसर पर शहर अभियंता सुनील घोगे, एल. पी.गायकवाड, नगर नियोजन विभाग और तहसीलदार, महाराष्ट्र प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे। इस प्रकार की जानकारी पालिका के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सुनील धाऊ झलके ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है।

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