प्राइवेट कंपनी मोबाइल एप्प के जरिये मनपा कर्मचारियों की लेगी रोज की हाजिरी

भिवंडी।। भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका में कार्यरत कर्मचारी व अधिकारी समय पर काम पर हाजिर नहीं होने की शिकायत पालिका प्रशासन को मिल रही थी। इसके पूर्व पालिका के कर्मचारियों की दैनिक हाजिरी फेस बायोमेटि्क मशीन द्वारा किया जा रहा था। परन्तु अनेक कर्मचारियों ने इस फेस मशीन पर नियमित हाजिरी नहीं लगाई। अब महानगर पालिका प्रशासन ने मोबाइल एप्लीकेशन द्वारा हाजिरी व उसके अनुसार वेतन देने का निर्णय लिया है। इसके लिए अंबरनाथ की निजी कंपनी मैसर्स दिपवन सोल्युशन कंपनी को ठेका दिया गया है। इस कंपनी के मोबाइल एप्लीकेशन डेट्रा रजिस्टर करवाने के लिए प्रत्येक विभाग को पालिका उपायुक्त (मुख्यालय) दीपक पुजारी ने 2 दिसम्बर को आदेश जारी किया है। परन्तु मैसर्स दिपवन सोल्युशन कंपनी के कर्मचारियों द्वारा प्रत्येक विभागों के कर्मचारियों से प्रत्यक्ष संपर्क करने के बावजूद आज पर्यंत केवल 14 विभाग के कर्मचारी ही मोबाइल एप्लीकेशन रजिस्टर करवाया है। उपायुक्त दीपक पुजारी ने सभी कर्मचारी व अधिकारियों को मैसर्स दिपवन सोल्युशन कंपनी के मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड व रजिस्टेशन करवाने के लिए 5 दिसम्बर 2022 से 12 दिसम्बर 2022 की समयावधि भी जारी की है और यह रजिस्टेशन छुट्टी के दिन भी जारी रहेगा। इसके साथ साथ उन्होंने कहा कि 12 दिसम्बर के बाद मास्टर रजिस्टर पर हाजिरी मान्य नहीं होगी। कंपनी के मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से कार्यालय में पहुँचने के बाद अपनी उपस्थिति दर्ज करवाऐ अन्यथा आपको गैर हाजिर समझा जायेगा।

हालांकि निजी कंपनी से दैनिक हाजिरी के विरोध में अखिल महाराष्ट्र जनरल कामगार यूनियन के अध्यक्ष महेन्द्र कुभारे ने पालिका आयुक्त को निवेदन पत्र देकर कर्मचारियों व अधिकारियों की वित्तीय साइबर सुरक्षा को लेकर सवाल उत्पन्न किया है। इसके साथ उन्होंने कहा है कि बहुतास चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पास आज भी कीपैड मोबाइल फोन है। यही नहीं स्मार्ट मोबाइल फोन में एप्लीकेशन डाउनलोड करने पर मैसेज आता है कि मोबाइल फोन सुरक्षित नहीं है। स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने वाले कर्मचारी मोबाइल बैकिंग, गूगल पे,फोन पे,बैक एप्लीकेशन आदि एप्लीकेशन का उपयोग करते है। किन्तु पालिका प्रशासन ने मैसर्स दिपवन सोल्युशन कंपनी के एप्लीकेशन संबंधी साइबर सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जो प्रत्यक्ष दिखाई पड़ता है। यही नहीं महेन्द्र कुभारे ने चेतावनी भी दी है अगर निजी कंपनी के एप्लीकेशन से किसी भी कर्मचारी अथवा अधिकारी के साथ धोखाधड़ी अथवा उनका आर्थिक नुकसान हुआ तो इसके लिए उपायुक्त मुख्यालय ही जवाबदार होगें।

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