अवैध यूट्यूब (YouTube channels) पर नेताओं व पुलिस को आया खुमार

भिवंडी।। यूट्यूब (YouTube channels)  यानी टिक टाॅक आज के जमाने का सबसे ज्यादा पसन्द करने वाला सोशल साइड बन चुका है। यूट्यूब पर डांस, अश्लील डांस, कमेंट्री आदि जैसे तीन चार मिनट का विडियो बनाकर यूट्यूबरों द्वारा यूट्यूब पर अपलोड किया जाता है। इसी यूट्यूब (YouTube channels) पर अब स्वयं घोषित पत्रकार व संपादकों द्वारा न्युज चैनलों के भांति दो से तीन मिनट का न्युज जैसा वीडियो बनाकर अपलोड कर वायरल करने का चलन बढ़ गया है। यही नहीं शासन द्वारा किसी प्रकार से मान्यता ना होने अथवा न्यूज प्रामाणिक ना होने के बावजूद यूट्यूब बने पत्रकारों द्वारा यूट्यूब (YouTube channels) पर अपलोड कर दिया जाता है। यूट्यूब पर न्युज चैनल चलाने संपादक, पत्रकार न्युज चैनलों जैसा माइक बूम हाथों में लेकर और प्रेस आईडी कार्ड बनाकर, इस पर स्वयं हस्ताक्षर अथवा प्रमाणित कर अन्य सैकड़ों लोगों को प्रेस आई कार्ड जारी कर रहे है।‌ इसमें शातिर, अपराधी, माफिया किस्म के लोगों का भी समावेश है और ये भी प्रेस आई कार्ड धारक हो जाते है। यही नहीं ताज्जुब की बात यह है कि शासन व प्रशासन के आला अधिकारियों की इनकी असलियत जानने के बावजूद इनके विरूद्ध कार्रवाई ना कर अपना पल्ला झाड़ लेते है। इसके विपरीत इन्हीं के बोगस व फर्जी यूट्यूब न्युज चैनलों पर अपनी कार्रवाई का विडियो व इंटरव्यू देकर शहर में अपनी वाह -वाही की दुकान चलाते हैं। इसमें शहर के प्रतिनिधित्व करने वाले नेता भी अछूते नहीं है। 
गत दिनों YouTube channel केंद्र सरकार ने अपनी विभिन्न योजनाओं के बारे में झूठे और सनसनीखेज दावे करने और फर्जी खबरें फैलाने वाले तीन यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई करने की जानकारी दी है। इन यूट्यूब चैनल के नाम न्यूज हेडलाइन्स, सरकारी अपडेट और आजतक लाइव हैं। फर्जी खबर फैला रहे लाखों सब्सक्राइबर वाले 3 यूट्यूब चैनलों पर केंद्र सरकार ने शिकंजा कसा है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पीआईबी (PIB) विभाग की तरफ से ये जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने बताया कि उनकी फैक्ट चैक यूनिट ने तीन यूट्यूब चैनलों (YouTube channels) का भंडाफोड़ किया है, जो गलत सूचना फैला रहे थे। इन चैनलों के लगभग 33 लाख सब्सक्राइबर थे। इनके वीडियो को 30 करोड़ से अधिक बार देखा गया था। इन यूट्यूब चैनल के नाम न्यूज हेडलाइन्स, सरकारी अपडेट और आजतक लाइव हैं।

फर्जी सूचनाओं को फैलाने वाले ऐसे चैनलों पर कार्रवाई की जा रही है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि, ''ये यूट्यूब चैनल अपने वीडियो पर विज्ञापन दिखा रहे थे और यूट्यूब पर गलत सूचनाओं के माध्यम से कमाई कर रहे थे।'' ये चैनल इस तरह के थंबनेल का इस्तेमाल करते थे जिससे दर्शकों को ये विश्वास को जाए कि उनकी तरफ से साझा की गई खबर प्रामाणिक है। इससे पहले फर्जी खबरें फैलाने वाले सौ से अधिक यूट्यूब चैनलों को पिछले एक वर्ष में ब्लॉक किया गया है। 

मंत्रालय के मुताबिक इन यूट्यूब चैनलों में दावा किया जा रहा था कि मुख्य न्यायाधीश के आदेशानुसार चुनाव बैलट पेपर से होंगे। एक वीडियो में कहा गया कि मुख्य न्यायाधीश ने प्रधानमंत्री के खिलाफ कड़ी कारवाई की है और उन्हें दोषी घोषित किया है। कुछ वीडियो में ये यूट्यूब चैनल सुप्रीम कोर्ट, भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश, सरकारी योजनाओं, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, कृषि ऋण माफी जैसे तमाम मामलों के बारे में झूठे और सनसनीखेज दावे फैला रहे थे।

इतना ही नहीं एक वीडियो में तो यहां तक दावा किया गया कि, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। 

इसी तरह भिवंडी शहर में बिना प्रमाणित खबरों को दो दर्जन से ज्यादा अवैध यूट्यूब चैनलों (YouTube channels) द्वारा चलाया जा रहा है जो तीन मिनट में मोबाइल से विडियो बनाकर और पांच मिनट में मोबाइल से विडियो न्युज जैसा एडिट कर सोशल मीडिया के वाट्शाप, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, यूट्यूब चैनल (YouTube channels) पर अपलोड कर रहे है। यही नही ऐसे फर्जी चैनल चलाने वाले कभी कभी नेताओं द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वी के बारे में कहे गये अपशब्द का भी विडियो बनाकर अपलोड कर दिया जाता है। इसके आलावा दूसरे शहरो अथवा राज्यों की वायरल हो रही विडियो को डाउनलोड कर न्युज जैसा विडियो बनाकर यूट्यूब चैनल (YouTube channels) पर अपलोड कर फेसबुक, वाटशाप आदि सोशल नेटवर्किंग पर वायरल कर दिया जा रहा हैं। भिवंडी शहर अति संवेदनशील शहर होने के कारण ऐसी विडियो अथवा यूट्यूब चैनलो से शहर का कभी भी माहौल खराब होने से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर समय रहते हुए ऐसे यूट्यूब चैनलों (YouTube channels) के विरूद्ध कार्रवाई नहीं हूई तो आने वाले समय में अनहोनी होने से रोका नहीं जा सकता है।

रिपोर्टर

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