शिक्षा के पवित्र कार्य और ज्ञान के बीजों को विकसित करके समाज को सशक्त बनाने पर जोर दिया जाय -- अतिरिक्त आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे

भिवंडी।। ब्रिटिश कालखंड में सतत शिक्षा की नदी बहना, समाज की कड़ी आपत्तियों का सामना करते हुए हर महिला को शिक्षित करने,बिना शिक्षा के महिलाएं आगे नहीं बढ़ सकतीं। इसी वजह से क्रांतीज्योति, ज्ञानज्योति सावित्री बाई फुले ने विशेष कर महिलाओं के लिए पुणे के भिड़े वाडा में पहला स्कूल शुरू किया और उन्हें पहली शिक्षिका होने का गौरव मिला। यहीं से उन्होंने शिक्षा के सच्चे अर्थों में ज्ञान के बीज बोने का काम शुरू किया। समाज को सशक्त बनाने पर बल देने के कारण आज भारतवर्ष स्वयं का सर्वांगीण विकास हुआ है। इसी से क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले के इस पुनीत कार्य का महत्व कार्यक्रम में आज हमारी नारी की उपस्थिति से देखा जा सकता है। इस प्रकार का वक्तव्य पालिका के अतिरिक्त आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे ने कोमलपाडा स्थित गजेंगी हाॅल में पालिका द्वारा आयोजित सावित्रीबाई फुले के जयंती कार्यक्रम में कहा। शासन और पालिका के प्रशासक एवं आयुक्त विजयकुमार म्हसाल के निर्देशानुसार जयंती कार्यक्रम के अवसर पर सर्वप्रथम अतिरिक्त आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे ने मुख्यालय के भूतल पर क्रांति ज्योति ज्ञानज्योति सावित्रीबाई फुले के कार्य एवं स्मृति पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इसके आलावा उपायुक्त (मुख्यालय) दीपक पुजारी ने भी माल्यार्पण किया।

महानगर पालिका के समाज विकास विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त आयुक्त ने कहा कि ब्रिटिश काल में समाज की प्रवृत्ति महिला शिक्षा के खिलाफ थी। ऐसी स्थित में समाज की बुरी, अवांछित आदतों और रीति-रिवाजों को नष्ट करते हुए फुले दंपत्ति ने समाज के विरोध को ललकारा और नारी शिक्षा के लिए आगे आऐ तब जाकर नारी शिक्षा के बीज पनपने लगे।  महिलाएं शिक्षा के साथ शिक्षित हुई और दिन-ब-दिन आगे बढ़ती गई और इसी वजह से आज के आधुनिक युग में महिलाएं वरिष्ठ अधिकारी, पायलट, सैनिक, वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, पत्रकार और लेखिका आदि सभी क्षेत्रों में पुरुषों से आगे है। सावित्रीबाई फुले ने शिक्षा की शक्ति को पहचानते हुए शिक्षा से वंचित महिलाएं को सर्वप्रथम शिक्षा की ओर ले गई और नारी वर्ग को महान बनाने के लिए पुनीत कार्य किया। इस मौके पर उन्होंने क्रांति ज्योति सावित्रीबाई फुले का नारा लगाया।
भिवंडी महानगर पालिका द्वारा ज्ञानज्योति सावित्रीबाई फुले की जयंती पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान महाराष्ट्र राज्य अंधविश्वास निर्मूलन समिति की अध्यक्षता वंदना शांताराम शिंदे ने महिला सशक्तिकरण, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और लैंगिक भेदभाव और अग्नि सुरक्षा उपायों पर व्याख्यान दिये। जिसके बाद सावित्रीबाई फुले के जीवन पर चित्रांजलि क्रिएशन द्वारा निर्मित एक लघु फिल्म दिखाई गई। कार्यक्रम के प्रास्ताविक उपायुक्त व एवं सहायक आयुक्त प्रणाली घोंगे ने किया था। इस अवसर पर सहायक आयुक्त (स्वास्थ्य) प्रीति गाडे, नितिन पाटिल, डॉ.बुशरा सैयद,जनसंपर्क अधिकारी सुनील धाऊ झलके,जगदीश जाधव व पालिका कार्यालय की महिला कर्मचारी उपस्थित थीं। इसके आलावा पालिका व निजी स्कुलों के छात्र व छात्राऐ , महिला बचत गट, महिला मंडल के पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में सहभागी हुए थे।

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