भिवंडी निजामपुर शहर महानगरपालिका में फैले करप्शन का मुद्दा विधानसभा में गूंजा 

भिवंडी।। भिवंडी निजामपुर शहर महानगरपालिका के प्रत्येक विभागों में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है। लिपिक कर्मचारियों के सहारे महानगर पालिका प्रशासन का कार्यभार चलाया जा रहा है। सफाई कर्मचारी से लेकर लिपिक दर्जे के कर्मचारी प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्यरत है। ऐसे कर्मचारी अज्ञानी होने कारण प्रशासनिक कामों को सही ढंग से जामा पहनाने में असमर्थ है। यही नहीं नाली, गटर, सड़क कई बार निर्माण होने के बावजूद भी सड़कें खस्ताहाल अवस्था में है‌। जिस पर चलना जानलेवा साबित होता है। विभागों में बैठे अधिकारी और सिपाही तक पूरे करप्शन में लिप्त है। संपत्ति टैक्स लगवाने के पहले अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ती है, रिश्वत नहीं मिलने पर संपत्तियों पर टैक्स नहीं लगाया जाता है। जिसके कारण पालिका के उत्पन्न राजस्व का भारी नुकसान होता रहा है। इसके अलावा गैर तरीके से संपत्तियों के बकाया टैक्स कंप्यूटर से उड़ा कर नये दर से और नये वर्ष से टैक्स लगा दिया जाता है। एक ही सड़क को साल भर में तीन बार मरम्मत व निर्माण होने के बाद भी बरसात के समय वहीं सड़क खस्ता हाल हो जाती है। नाली - गटर के चेंबर व सड़क के नाम पर लाखों रुपए का भष्ट्राचार किया जाता है। बांधकाम विभाग में तज्ञ इंजीनियर नहीं होने के कारण विकास कार्यों में ठेकेदार घटिया सामग्री का इस्तेमाल करते है। कई पूराने बांधकाम के ऊपर नई इमारत बना दी गई है और पूरे नया काम दिखा कर बड़े पैमाने पर भष्ट्राचार किया गया। शहर में स्वच्छता व स्वास्थ्य की समस्या बनी हुई है। 30 बेड का बीजेपी दवाखाना और तीन उप स्वास्थ्य केन्द्र मिल्लत नगर, पदमानगर और ईदगाह परिसर में करोड़ों रूपये खर्च कर बनकर तैयार है जिसका  उद्घाटन होने के बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों की कमी होने से पिछले एक वर्षों से बंद पड़ा है। बाग बगीचे, तालाब सुंदरीकरण के नाम पर भारी भष्ट्राचार किया गया। शहर में डांइग व साइजिग कंपनियां 24 घंटे जहर उगल रही है। शहर की स्वच्छता व सफाई के नाम पर पालिका प्रशासन एक रूपये में टेंडर देने साथ साथ अपने करोड़ों रूपये के वाहनों को नाम मात्र रूपये में भाड़े पर देकर सबको चकित कर दिया है। भूआरी गटर व मल : निस्सरण केन्द्र का काम अभी तक पूरा नहीं किया गया। यही नहीं पिछले पांच वर्षों में अनेक प्रकार से जमकर भष्ट्राचार किया गया। जिसके कारण महानगर ‌पालिका कर्मचारियों को‌ वेतन देने के लिए शासन के निधि का इंतजार करना पड़ता है। भिवंडी शहर के एकमेव कामवारी नदी, गंदे नाले का रूप धारण कर ली है। इस नदी में सीधे सीवर का पानी छोड़ दिया जाता है। जिसके कारण जलकुभी पूरे नदी में फैल गई है। नदी का आधा भाग जिला परिषद व आधा‌ भाग महानगर पालिका के क्षेत्र में आने के कारण इसकी सफाई कौन करेगा यह सबसे बड़ा मुद्दा है। पालिका में फैले भष्ट्राचार के खिलाफ भिवंडी पूर्व विधानसभा के विधायक रईस कासिम शेख ने विधानसभा में आवाज़ उठाया है। इसके साथ ही जोर शोर से कहा कि भिवंडी निजामपुरा शहर महानगर पालिका में लिपिक दर्जे के कर्मचारियों के सहारे प्रभाग समितियां कार्यालय चलाऐ  जा रहे है। ताज्जुब बात यह कि ऐसे लिपिक दर्जे के कर्मचारियों जमीन व इमारत मालिकों के उनके पुराने किरायेदारों को बाहर निकालने के लिए बकायादा ठेका ले रहे है। इसके लिए जानबूझकर इमारतों पर धोकादायक की नोटिस चिपका दी जाती है। बाद में उन इमारतों के नल कनेक्शन व बिजली कनेक्शन खंडित कर दिया जाता है। जिसके कारण कर्ई वर्षों से मामूली किराये पर रहे पंगडी धारको को मजबूरन अपना मकान खाली करना पड़ रहा है। इस पर रोक लगाकर इसकी जांच करना आवश्यक है। 


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