इमारतों के निचले मंजिल पर चल रहे पॉवर लूम कारखाने साबित हो रहे जानलेवा

बिल्डिंग गिरने से अब तक कई लोगों की गई जान

भिवंडी।। भिवंडी शहर पॉवर लूम उद्योग की नगरी के नाम से पहचाना जाता है। यहां पर पॉवर लूम मशीनों से कच्चे कपड़े तैयार किये जाते है। अधिकांश मशीनरी रहीवासी इमारतों के निचले हिस्सों में स्थापित होने के कारण इमारतों में जोर जोर से कंपन होता रहता है। जिसके कारण इमारतें समय के पूर्व ही कमजोर होकर ताश की पत्ते की भांति गिर जाती है। जिसमें अनेक लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है। पूर्व में आऐ पालिका आयुक्तों ने ऐसी इमारतों को चिन्हित कर पॉवर लूम मशीनरी कारखानों में शिफ्ट करने के लिए आदेश भी जारी कर चुके है। किन्तु उनके आदेशों को प्रभाग स्तर पर अमल नहीं होने से प्रत्येक वर्ष ऐसी इमारतें धराशायी होने की घटनाएं घटित होती है। शहर में जिलानी बिल्डिंग, शाहिल होटल बिल्डिंग, गैबीनगर की बिल्डिंग तथा आसबीबी बिल्डिंग हादसे इसका जीता जागता सबूत है। 

जिलानी बिल्डिंग के नीचे था पॉवर लूम कारखाना :

पालिका के प्रभाग समिति क्रमांक तीन के पटेल कंपाउंड में 21 सितंबर 2020 को रात्रि 3 बजकर 40  मिनट यानी भोर में तीन मंजिला जिलानी बिल्डिंग धराशायी हुई थी। इस बिल्डिंग में लगभग 40 फ्लैट थे। जिसमें लगभग 150 लोग रहते थे। इस इमारत के निचले हिस्से में पॉवर लूम चलाया जा रहा था। किन्तु इमारत पुरानी होने के कारण पॉवर लूम मशीनों को निकाल लिया गया  था। जिसके कारण निचले हिस्से में ड्रेनेज का पानी भरा रहता था। यह इमारत का आधा हिस्सा भर भराकर गिर पड़ा था। इसी इमारत के मलबे से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ( NDRF) और ठाणे आपदा मोचन बल ( TDRF) ने 25 लोगों को जिंदा निकाला गया था और तीन दिन तक चले लगातार रेस्क्यू आपरेशन में 40 लोगों का शव निकाला गया था। जिसमें 18 बच्चे भी शामिल थे। जिनकी उम्र 02 वर्ष से लेकर 15 वर्ष की बीच थी। हालांकि पुलिस ने पालिका के तत्कालीन सहायक आयुक्त सुदाम जाधव, बीट निरीक्षक सुनिल बगल तथा एरिया वसूली क्लर्क के  खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था। 

गैबीनगर के इमारत के नीचे था पॉवर लूम :

वर्ष 2014 में प्रभाग समिति क्रमांक दो के गैबीनगर में तल अधिक दो मंजिला इमारत गिरी थी। इसके मलबे से 9 शव निकाले गये थे और कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। इस इमारत के तल मंजिल पर भी पॉवर लूम चलाया जाता था। जिसके कारण इमारत कमजोर हो चुकी थी। हादसा होने के दो वर्ष पूर्व पाॅवर लूम मशीन निकाला गया था। किन्तु कई वर्षों तक चले पॉवर लूम मशीनों के कारण इमारत जर्जर हो चुकी थी। 

पिरानी पाडा हादसे में 3 की मौत :

वर्ष 2014 में पिरानी पाडा में ऐसी ही इमारत का हादसा हुआ था जिसमें तीन लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गई थी। इस इमारत के नीचे मंजिल पर कई वर्षों तक पाॅवर लूम चलाया गया था। जिसके कारण इमारत कमजोर हो चुकी थी।

आशबीबी खदान रोड़ और नवी बस्ती में बिल्डिंग हादसे :

वर्ष 2015 में आसबीबी खदान रोड़ पर तल अधिक तीन मंजिला इमारत धराशायी हुई थी। जिसके मलबे से 8 लोगों का शव बाहर निकाला गया। इसी तरह नवी बस्ती में बिल्डिंग हादसा हुआ था। जिसमें कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।

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