पालिका के मार्केट विभाग से प्रत्येक माह 50 लाख रूपये का आर्थिक नुकसान

बकरे सहित बीफ कारोबारी नहीं भरते हैं पालिका का टैक्स

मार्केट विभाग में सात कर्मचारी हैं कार्यरत

भिवंडी।। भिवंडी पालिका का अजीबोगरीब कारनामा उजागर हुआ है। जहां पालिका प्रशासन अपने आर्थिक तंगी का रोना रो रही है। अनुदान के सहारे कर्मचारियों की पगार दिया जाता है। वही पर मार्केट विभाग से लगभग 50 लाख रूपये का प्रहिमाह आर्थिक राजस्व उत्पन्न का नुकसान होने का खुलासा हुआ है। इसकों लेकर पालिका में हडकंप मचा है। यही नहीं इस विभाग में पालिका का राजस्व यानी पैसा कौन वसूल कर रहा है। इतना भारी भष्ट्राचार कहां पर हो रहा है। अनेक दक्ष नागरिकों ने इसकी जांच करवाने के लिए  पालिका आयुक्त, उपायुक्त को कई बार ज्ञापन देकर मांग कर चुके है। 

पालिका प्रशासन क्षेत्र अंर्तगत बीफ कारोबारी की लगभग 400 सौ दुकानें है। इसके आलावा लगभग 87 दुकानें बकरा मीट कारोबारियों की है। पालिका के वर्ष 2017 के ठहराव नुसार एक जानवर के कत्ल पर 200 रूपये तथा बकरा व मेंडा की कत्ल कर 50 रूपये फीस वसूल करने का प्रावधान है। शहर में वीफ की दुकानों की संख्या 400 के पार है। वही पर बकरा मीट की दुकानें की संख्या लगभग 80 है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों व तंग गलियों में प्रतिदिन  लगभग 800 जानवरों का कत्ल कर बीफ की दुकानो पर मांस बिक्री की जाती है। बीफ कारोबारियों द्वारा 800 जानवरों के कत्ल पर पालिका प्रशासन को रोज 1 लाख 60 हजार रूपये और 150 बकरे के कत्ल के एवज में 7 हजार 500 कुल 1 लाख 67 हजार 500 रूपये राजस्व प्राप्त होना चाहिए। किन्तु पालिका प्रशासन को केवल ठेंगा ही मिलता है। इस अनुसार जानवरों के कत्ल व मांस बिक्री के एवज में पालिका प्रशासन को लगभग प्रहिमाह 50 लाख 25 हजार रूपये का राजस्व उत्पन्न होना चाहिए। परन्तु मार्केट विभाग में फैले भष्ट्राचार व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण बीफ कारोबारियों से ना तो टैक्स वसूल किया जाता है और ना ही इनके खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है। सुत्रों की माने इस विभाग में सात कर्मचारी कई वर्षीय से कार्यरत हैं। जब इन कर्मचारियों से पालिका का राजस्व वसूल नहीं होता। तो कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है। इस प्रकार का सवाल दक्ष नागरिकों ने उठाया है। 

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शासन के आदेशानुसार ईदगाह पर बना स्लाटर हाउस वर्ष 2016-17 से बंद है। इस स्लाटर हाउस में ITP प्लांट नहीं था। 2017 में घरेलू कत्ल खाने की मान्यता भी रद्द कर दी गई है। सर्वेक्षण के दरम्यान अभी तक कुल 256 बीफ कारोबारियों की दुकानें है और 53 दुकानों पर बकरे व मेंडे के मांस बिक्री की जाती है। नया सर्वेक्षण बहुत जल्द शुरू किया जायेगा। 22 सितंबर 2017 के महासभा ठहराव के अनुसार बड़े जानवरों के कत्ल पर 200 रूपये प्रति जानवर और बकरे व मेंडे के कत्ल पर 50 रूपये फीस वसूल करने का प्रावधान है। अभी तक लगभग 200 बीफ की दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है। शहर के कुछ इलाकों में बड़े जानवरों की कत्ल करने की शिकायतें मिली है। जिन पर कार्रवाई की गई है। ज्यादातर जानवर शहर के बाहर खाड़ीपार, पडघा, महापोली, बोरीवली आदि गांवों में कत्ल किये जाते हैं। 

............नितिन पाटिल, मार्केट विभाग प्रमुख 

                   

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