टोकरे कोली, कोली महादेव, कोली मल्हार आदिवासी जनजातियों का धुले से मंत्रालय मुंबई तक विरोध मार्च भिवंडी में किया प्रवेश

भिवंडी।। संविधान ने अनुसूचित जनजातियों को आरक्षण दिया है किन्तु महाराष्ट्र के खान्देश क्षेत्र अंर्तगत टोकरे कोली, कोली महादेव, कोली मल्हार आदि आदिवासी समाज को उनके जाति प्रमाण पत्र से वंचित रखा गया है और कई लोगों की जाति सत्यापित नहीं है आज समाज का एक बड़ा वर्ग सुविधाओं से वंचित है। न्याय के उस अधिकार के लिए आदिवासी वाल्मीकालव्य सेना प्रमुख शानाभाऊ सोनवाने के नेतृत्व में धुले से मुंबई मंत्रालय तक संघर्ष पदयात्रा का आयोजन किया गया है। धुले स्थित एकवीरा मंदिर से 17 नवंबर को निकला यह पदयात्रा आज दोपहर भिवंडी तालुका में प्रवेश किया है। सोनाले गांव में इस पदयात्रा में सहभागी हुए आन्दोलन कारियों को राम लहरे, देवा फाउंडेशन के तानाजी मोरे, साईं सेवा संस्था के विसुभाऊ म्हात्रे ने स्वागत किया और उनके भोजन की व्यवस्था की।

महाराष्ट्र के आदिवासी टोकर कोली अनुसूचित जनजाति में शामिल कई जातियों जैसे महादेव कोली और मल्हार कोली को जाति प्रमाण पत्र नहीं मिलता है और कई को 1950 से पहले के प्रमाण देने पर जाति सत्यापन से वंचित कर दिया जाता है। कई बार विरोध करने पर यह सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। आदिवासी टोकरे कोली, महादेव कोली और मल्हार कोली के संबंध में सरकार का आधिकारिक प्रकाश शाही डेटा, जिला राजपत्र, मानवविज्ञानियों की दुर्लभ पुस्तकें, दशकीय जनगणना रिपोर्ट, जिस जिले या मंडल में यह जनजाति निवास करती है, उसके अनुसार भले ही उनका कोली रिकॉर्ड 1950 से पहले या बाद का हो, एक अध्यादेश जारी किया जाना चाहिए कि उन्हें टोकरे कोली,महादेव कोली और मल्हार उनके प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए। अनुसूचित जनजाति निरीक्षण समिति पर  न्यायाधीश या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति करने, झूठे प्रमाण पत्र देने वाले सरकारी अधिकारियों और जांच समिति के अधिकारियों पर कार्रवाई करने सहित कई मांगों को लेकर यह संघर्ष पदयात्रा शुरू हुआ है।

शाना भाऊ सोनवणे ने बताया कि राज्य के आदिवासी विकास मंत्री विजयकुमार गावित खांदेश क्षेत्र से है उन्होंने आरक्षण का लाभ लिया है हमें नहीं मिलने देना चाहते हैं। इस प्रकार की साजिश चल रही है। इसके लिए यह पैदल यात्रा का आयोजन किया गया है और मंत्रालय में आदिवासी समाज के विधायक, सांसद व मुख्यमंत्री से अपनी मांगों पर चर्चा कर तत्काल निर्णय लेने के यह आन्दोलन किया जा रहा है।

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प्रशासन की लापरवाही, घायल हुए आन्दोलन कारी : 

शाना भाऊ सोनावणे ने इस बात पर अफसोस जताया कि गर्मी की परवाह किए बिना 10 दिनों तक सड़क पर पैदल चल रहे हैं। अभी तक लगभग 300 किलोमीटर की यात्रा तय की गई है। इस विरोध प्रदर्शन पर सरकारी प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। पुलिस कर्मियों ने केवल मदद की है। ‌निरंतर पैदल चलने के कईयों के पैर जख्मी हुए हैं। शनिवार को कई महिलाओं के उच्च रक्तचाप के कारण पडघा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।

रिपोर्टर

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