भिवंडी पालिका के टैक्स विभाग का भष्ट्राचार

प्रभारी शौचालय विभाग प्रमुख को बनाया गया टैक्स विभाग का प्रभारी अधिकारी

एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने तीन कर्मचारियों को डेढ़ लाख रूपये रिश्वत लेते हुए दबोचा था


भिवंडी।। भिवंडी निज़ामपुर शहर महानगर पालिका के कर मूल्यांकन विभाग में बिना रिश्वत दिये संपत्तियों पर टैक्स नहीं लगाया जाता है। इस रिश्वत के खेल की अनेक शिकायतें लोगों द्वारा किये जाने के बाद संबंधित विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की जाती। पालिका प्रशासक एवं आयुक्त अजय वैद्य के कालावधि में कर मूल्यांकन विभग में खुलकर रिश्वत का खेल शुरू हुआ। आयुक्त की छत्रछाया में विभाग का प्रभारी अधिकारी सुदाम जाधव सहित अन्य दो कर्मचारियों ने टैक्स धारकों से संपत्तियों पर टैक्स लगाने के एवज में खुलकर रिश्वत मांगना शुरू कर दिया। यही नहीं आयुक्त अजय वैद्य ने टैक्स आर्डर पर उपायुक्त स्तर के अधिकारी का हस्ताक्षर का अधिकार छीनकर लिपिक से बने प्रभारी विभाग प्रमुख सुदाम जाधव को हस्ताक्षर करने के लिए अधिकार दे दिया था। टैक्स आर्डर पर हस्ताक्षर करने की मान्यता मिलने पर कर मूल्यांकन विभाग मछली मार्केट में तब्दील हो चुका था।

3 जनवरी को इसी विभाग में हुआ था रिश्वतकांड

पालिका के इस विभाग में 3 जनवरी को नवीं मुंबई की एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने लिपिक किशोर केणे को इमारत पर टैक्स ( असेसमेंट) लगाने के एवज में डेढ़ लाख रूपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। पालिका अधिकारियों ने शिकायतकर्ता फहाद अंजुम शेख से 13,800 वर्ग फुट इमारत के बांधकाम संबंधी असेसमेंट करने ( इमारत पर टैक्स लगाने) के एवज में 15 रूपये प्रति वर्ग फुट की दर से 2,07,000 रूपये रिश्वत की मांग की थी। इसका मोलभाव कर डेढ़ लाख रूपये रिश्वत देने के लिए तय हुआ था। नवीं मुंबई एंटी करप्शन ब्यूरो टीम के पुलिस निरीक्षक संतोष पाटिल ने इस रिश्वतकांड के मामले में करमूल्यांकन विभग के लिपिक किशोर शिवराम केणे, प्रभारी कर मूल्यांकन अधिकारी सुदाम जाधव, कार्यालय अधीक्षक सायरा बानो रफिउज्जमा अंसारी को हिरासत में ले लिया। जिन्हें भिवंडी अदालत ने 2 दिन की रिमांड के बाद आधारवाडी जेल भेज दिया है। पालिका आयुक्त अजय वैद्य ने करमूल्यांकन  विभाग प्रमुख पद पर प्रभारी शौचालय विभाग प्रमुख रहे गिरीश घोष्टेकर को इस विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। पूर्व में गिरीश घोष्टेकर इस विभाग की जवाबदेही संभाल चुके है। संपत्तियों पर टैक्स लगाने में इन्हें महारत हासिल है। रिश्वत कांड में गिरफ्तार कर्मचारी के साथ पूर्व काल में काम भी कर चुके हैं। इसलिए खेल खेलने में माहिर माने जाते हैं। ंंहालांकि गिरीश घोष्टेकर का भी रिकार्ड कुछ खास नहीं है।

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