मेरी जान को खतरा, हो सकता है हमला -- एडवोकेट किरण चैन्ने

माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद शेलार ग्राम पंचायत चुनाव की घोषणा।

प्रशासकीय अधिकारी सांसद व विधायक के दबाव में कर रहे है काम ----- सरपंच 


भिवंडी।। शहर से सटे शेलार ग्राम पंचायत के कुछ सदस्यों द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के बाद उनके रिक्त पद पर दोबारा चुनाव कार्यक्रम आयोजित करने की बजाय ग्राम पंचायत कार्यकारिणी को बर्खास्त कर सीधे चुनाव कराया जा रहा है। शेलार ग्राम पंचायत के सरपंच और आरपीआई सेक्युलर के प्रदेश महासचिव एडवोकेट किरण चन्ने ने शनिवार को सनोबर हॉल में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया है कि माननीय उच्च न्यायालय मुंबई में इस प्रकरण में स्थगन आदेश होने के बावजूद सत्तारूढ़ विधायक प्रशासनिक अधिकारियों पर चुनाव कराने के लिए दबाव डाल रहे है क्योंकि सरपंच का पद केवल अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और अनुसूचित जाति का सरपंच है। 

बतादें कि शेलार ग्राम पंचायत में कुल 17 सदस्य है, जिनमें से 9 सदस्यों ने ग्राम पंचायत सदस्य के रूप में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस प्रकरण की  1 जनवरी 2024 को कोंकण आयुक्त के समक्ष सुनवाई हुई और 2 जनवरी को कोंकण आयुक्त ने निर्णय दिया कि 9 सदस्यों का राजीनामा दिया है उनके रिक्त जगह पर पुनः चुनाव ना करते हुए पूरे ग्राम पंचायत को बर्खास्त कर दिया।  4 जनवरी को कोंकण आयुक्त के इस अवैध व जल्दबाजी वाले फैसले के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय मुंबई में एक जनहित याचिका दायर की है। उच्च न्यायालय ने ग्राम पंचायत बर्खास्त प्रकरण में स्थगन आदेश दिया है और वर्तमान में मामला न्यायालय में लंबित है। इसके बावजूद राजस्व अधिकारी ने जुलाई 2024 में पंचायत चुनाव कार्यक्रम आयोजित करने का आदेश केवल वरिष्ठ अधिकारियों के टेलीफोन आदेश पर पारित कर दिया है। इस अवैध आदेशों के पीछे स्थानीय विधायक और सांसद की सांठगांठ है। अधिकारियों ने माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश पर विचार किए बिना उनके दबाव में आकर शेलार ग्राम पंचायत के चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा कर दी है।


एडवोकेट किरण चेन्नै ने कहा कि शेलार ग्राम पंचायत तालुका में जनसंख्या और आर्थिक कल्याण के मामले में तीसरी सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है और ग्राम पंचायतों के कुछ जाति-अंध प्रतिनिधियों में गुस्सा है कि मेरे जैसा एक दलित शिक्षित वकील सरपंच है। ग्राम पंचायत में किये गये विकास कार्य को कुछ लोग देखना नहीं चाहते है। स्थानीय विधायक व सांसद उन्हें सरपंच पद से उताने की कोशिश कर रहे है। चन्ने ने यह भी बताया कि उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे मेरे दो बेटों और करीबी कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे पुलिस केस दर्ज करने की कोशिश की है और वे मुझे शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे है। मेरे जान को भी खतरा है।‌ 

राजस्व विभाग व पुलिस विभाग पर सत्ता में बैठे जन प्रतिनिधियों पर बढ़ते दबाव के खिलाफ 23 फरवरी को भिवंडी तहसीलदार कार्यालय पर सभी जाति, धर्म और सभी भाषा के संपूर्ण भारतीय समाज की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस संवाददाता सम्मेलन में उपसरपंच ललित शेलके, ग्राम सदस्य दीपिका प्रमोद भोईर, सरिता ज्ञानेश्वर भोईर, उषा दशरथ तपासे, सदस्य नंद कुमार जाधव, प्रमोद माली और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित थे।

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