फर्जी शिक्षिकों के नाम पर लोन दिलाने वाले रैकेट का हुआ भांडाफोड़ मनपा की 2 उपशिक्षिका निलंबित

बोगस दस्तावेज तैयार कर फर्जी शिक्षकों के नाम पर दर्जनों लोगों के साथ किया लाखों की धोखाधड़ी


मनपा शिक्षण विभाग के अधिकारियों व बैंककर्मियों की संलिप्तता की आशंका,मचा हड़कंप

भिवंडी।। भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में उपशिक्षिका के रूप में कार्यरत 2 महिला शिक्षकों द्वारा फर्जी शिक्षकों के नाम पर लोन दिलाने हेतु चलाए जा रहे रैकेट का पर्दाफांस हुआ है।जिसके उजागर होने के बाद मनपा आयुक्त ने उक्त दोनो महिला शिक्षिकाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।जिनके द्वारा अब तक फर्जी शिक्षकों के नाम पर बोगस दस्तावेज तैयार कर दर्जनों लोगो के साथ लाखों की धोखाधड़ी किया जा चुका है।शिक्षिकाओं के इस रैकेट में शिक्षण विभाग के अधिकारियों के साथ बैंककर्मियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।इस मामले के उजागर होने से शहर में तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त है।

भिवंडी मनपा सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार मनपा शिक्षण विभाग द्वारा संचालित स्कूल क्रमांक 8 में हुमा अहमद नाशिककर तथा स्कूल क्रमांक 11 में अकीला मो हसन, उपशिक्षिका के रूप में कार्यरत है।जिन्होंने शिक्षक के रूप में कार्य न करने वाले चार चार लोगों के नाम पर फर्जी वेतन स्लिप बनाकर उसके ऊपर मुख्याध्यापक हस्ताक्षर करके ठाणे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक से 15 - 15 लाख रुपए कर्ज मंजूर कराकर ले लिया।जिसकी जानकारी मिलने के बाद इसे गंभीरता से लेते हुए मनपा आयुक्त अजय वैद्य ने जा.क्रभीनिश मनपा/प्राशिवि/278/2024 व जा.क्रभीनिश मनपा/प्राशिवि/279/2024 का आदेश जारी कर दोनों ही उपशिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया है।आयुक्त ने पारित निलंबन आदेश में कहा है फर्जी शिक्षक के नाम पर मुख्याध्यापक का फर्जी हस्ताक्षर करके बैंक से कर्ज लेना अत्यंत गंभीर अपराध है और यह अनुशासनहीनता है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में पद का दुरूपयोग करते हुए जनमानस में मनपा की प्रतिमा को धूमिल करने का काम दोनों शिक्षिकाओ ने किया है| जिसके लिए महाराष्ट्र नागरिक सेवा नियम 1979 के नियम चार उपनियम (1) के तहत शक्ति का उपयोग करते हुए महाराष्ट्र महानगर पालिका अधिनियम 1949 की धारा 56 (2) (एफ ) के तहत हुमा अहमद नाशिककर व अकीला मो. हसन मोमिन को तत्काल निलंबित किया जाता है।

महिला शिक्षिका के धोखाधड़ी का शिकार एक व्यक्ति ने बताया उपशिक्षिका द्वारा लोन दिलाने का एक सिंडीकेट चलाया जा रहा था।जिसके लिए वह लोगों का दस्तावेज लेकर उनके नाम पर वेतन स्लिप बनाकर उस पर मुख्याध्यापक का फर्जी हस्ताक्षर करती थी और उसे बैंकों में जमा करती थी।लोन दिलाने के लिए वह मनपा स्कूल के शिक्षकों को प्रलोभन देकर गारंटर के रूप में उनका हस्ताक्षर ले लेती थी। सबसे बड़ा घोटाला इन दोनो ने ठाणे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक से किया है। ठाणे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक द्वारा 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के बाद बैंक प्रबंधन द्वारा न तो उसके विरुद्ध कोई एफआईआर दर्ज कराया है और न ही उन शिक्षकों के विरुद्ध कोई मामला दर्ज कराया है।हालांकि स्थानीय इस्लामपुरा निवासी फईम अंसारी ने भिवंडी कोर्ट में शिक्षिका अकीला मोमिन पर इसी मामले में चेक बाउंस का 138 का केस दर्ज कराया है।जिनके नाम पर बैंक से लोन तो निकाला नहीं लेकिन उन्हें जो चेक भुगतान हेतु दिया गया था वह बाउंस हो गया। इसी महिला ने यहां के एक स्थानीय पत्रकार को 5 करोड़ रुपए लोन दिलाने के नाम का झांसा देकर पांच लाख रुपए का चूना लगाया है।

रिपोर्टर

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