भिवंडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस के पारंपरिक मतदाताओं के अधिकार

पंजा निशानी वाला उम्मीदवार की मांग -- दयानंद चोरघे

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भिवंडी।। भिवंडी लोकसभा सीट पर महाविकास आघाडी का उम्मीदवार जाहिर ना होने कारण कांग्रेस पदाधिकारियों में खलबली मची हुई है। वही पर भिवंडी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों ने यह सीट कांग्रेस पार्टी की परम्परागत सीट का हवाला देते हुए कांग्रेस पक्ष के पंजा निशानी वाला उम्मीदवार देने की मांग की है। इसके लिए पिछले एक सप्ताह में भिवंडी कांग्रेस के पदाधिकारियों ने तीन बार पत्रकार परिषद आयोजित कर इस सीट पर अपना दावा ठोका है। आज‌ मंगलवार को भिवंडी कांग्रेस कार्यालय में ठाणे जिला ग्रामीण अध्यक्ष दयानन्द चोरगे के नेतृत्व में ठाणे, कल्याण व पालघर जिले के शहर अध्यक्षों की उपस्थिति में पत्रकार परिषद आयोजित की गई।जिसमें भिवंडी शहर अध्यक्ष व पूर्व विधायक रशीद ताहिर मोमिन ने एक बार फिर इस सीट पर कांग्रेस पक्ष के पंजा निशानी वाला उम्मीदवार देने की मांग की है। वही इस सीट पर राकांपा का कोई वजूद ना होने का दावा करते हुए महाविकास आघाडी में शामिल मित्र पक्ष राकांपा पर जोरदार टीका भी किया है। 

भिवंडी के पूर्व सांसद सुरेश टावरे ने कहा कि भिवंडी लोकसभा निर्वाचन सीट पर कांग्रेस की 2009 में जीत हुई थी। आपसी घात के कारण 2014 मेरा टिकट कटवा दिया गया। पार्टी ने पुनः मुझ पर विश्वास जताते 2019 में टिकट दिया। किन्तु आखिरी समय में पार्टी का बी फार्म मिलने से केवल प्रचार के लिए 20 दिन का समय मिला था। जिसके कारण हार का सामना करना पड़ा। राकांपा को इस लोकसभा क्षेत्र में कोई भी पदाधिकारी नहीं है और जो पदाधिकारी है उसमें से 50 प्रतिशत लोग कपिल पाटिल के समर्थक है। कांग्रेस पार्टी इस बार हार का बदला लेना चाहती है। 

ठाणे जिला ग्रामीण अध्यक्ष दयानन्द चोरगे ने कहा कि भिवंडी लोकसभा सीट कांग्रेस की पारंपरिक मतदाताओं वाले लोकसभा क्षेत्र है। भिवंडी पूर्व व पश्चिम विधानसभा के मतदाताओं ने प्रत्येक बार लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को हजारों वोटों का बहुमत दिया है। इस सीट पर अन्य दलों द्वारा किया जा रहा दावा गलत है। भिवंडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में पारंपरिक मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग है जो कांग्रेस में विश्वास करता है। जबकि कांग्रेस पार्टी का पंजा का निशान लोगों के दिमाग में अंकित है, अगर इस सीट पर अन्य पार्टी का उम्मीदवार दिया जायेगा तो हम सब इसका विरोध करेंगे। यदि भिवंडी लोकसभा को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ दिया जाता है, तो कांग्रेस स्थायी रूप से सीट खो सकती है। कांग्रेस पार्टी 2014 व 2019 में मिली हार का बदला लेना चाहती है। इसलिए कांग्रेस को जिंदा रखने के लिए सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि भिवंडी लोकसभा का चुनाव कांग्रेस पार्टी के बैनर पर लड़ा जाए।ऐसी जानकारी प्रदेश सचिव मनीष गणोरे ने दी है।

इस अवसर पर प्रदेश सचिव मनीष गणोरे, भिवंडी शहर अध्यक्ष एडवोकेट रशीद ताहिर मोमिन, पूर्व सांसद सुरेश टावरे, कल्याण जिला अध्यक्ष सचिन पोटे, पालघर जिला अध्यक्ष प्रफुल्ल पाटिल, ठाणे जिला तालुका अध्यक्ष विजय पाटिल, चेतन सिंह पवार,जिला महासचिव पंकज गायकवाड, युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव वीरेन चोरघे, प्रदेश सचिव निलेश भोईर, अरफात खान आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।

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