टोरेंट ग्रुप के संस्थापक स्व.यू.एन.मेहता की 100 वीं जन्म शताब्दी मनाया गया

आगामी 5 वर्षो में अद्वितीय सामाजिक कार्यो के लिए यू.एन.एम.फाउंडेशन के माध्यम से 5,000 हजार करोड़ दान करने का लक्ष्य

भिवंडी।।  टोरेंट ग्रुप के संस्थापक स्वं.उत्तम भाई नाथलाल मेहता ( यू.एन.मेहता) के 100 वीं जन्मशताब्दी पर विरासत का सम्मान करते हुए मेहता परिवार ने अहमदाबाद जिले में शनिवार 30 मार्च 2024 को उनकी जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर उनके जीवन पर आधारित एक फिल्म "द प्रिस्क्रिप्शन " प्रसारित किया गया। जो मुख्य आकर्षण की केन्द्र रही और उनके सम्मान में सामाजिक उद्देश्यों के लिए दान की घोषणा की गई। मेहता परिवार 1 अप्रेल 2024 से अगले 5 वर्षो में यू.एन.एम.फाउंडेशन के माध्यम से 5 हजार करोड़ रूपये की राशि दान करेगा, जो टोरेंट समूह की कंपनियों के वैधानिक सीएसआर योगदान से अतिरिक्त होगा। 

टोरेंट ग्रुप के अध्यक्ष समीर मेहता ने कहा कि यू.एन.एम.फाउंडेशन इस राशि का उपयोग अद्वितीय सामाजिक कार्यो के लिए करने के लिए गंभीरता पूर्ण प्रयास करेगा। इसमें जाति,धर्म,लिंग और आर्थिक स्तर की किसी भी प्रकार की मर्यादा नहीं रखी जाएगी। यू.एन.एम.फाउंडेशन स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और ज्ञान संवर्धन,इकोलोजी,सामाजिक कल्याण, कला और संस्कृति एवं अन्य गतिविधियों के क्षेत्रों पर अपने प्रयासों को केन्द्रित करेगा जिसका बुनियादी आधार वंचितों को लाभ पहुंचाना होगा।

उत्तम भाई नाथलाल मेहता ( यू.एन.मेहता) को उनके दृढ़ संकल्प, सैद्धांतिक जीवन और मानवतावादी दान कर्मो के लिए याद किया जाता है। उनका जन्म 14 जनवरी 1924 को उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले के मेमदपुर गांव में एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था और 2 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही अपनी माॅ को खो दिया था‌। प्रारंभिक जीवन में कई व्यक्तिगत चुनौतियां आयी, वित्तीय संकट और कष्टदायक स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना करना पड़ा। लेकिन एक दूरदर्शी दृष्टिकोण, एक अदम्य उद्यमशीलता और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की प्रतिबद्धता के साथ, उन्होंने टोरेंट के फार्मास्यूटिकल्स व्यवसाय की नींव रखी‌। उनके सैद्धांतिक जीवन और कार्य में नैतिकता के गुणों के कारण टोरेंट ग्रुप ने समय के साथ अपना अस्तित्व बनाऐ रखा और साथ देश की उभरती जरूरतों के लिए प्रासंगिक बना रहा। आज टोरेंट ग्रुप भारतीय अर्थव्यवस्था के कुछ प्रमुख क्षेत्रों, यानी की फार्मास्यूटिकल्स, बिजली उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन और सिटी गैस वितरण जैसे क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनाऐ हुए है।

उत्तम भाई नाथलाल मेहता ने पालनपुर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद विल्सन काॅलेज - मुंबई से रसायन विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की लेकिन उच्च शिक्षा के प्रति गहरी रूचि होने के बावजूद, परिवार की आर्थिक तंगी ने उन्हें नौकरी करने के लिए मजबूर किया। सरकारी सेवा में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद एक बहुराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल्स कंपनी में नौकरी की है। कुछ समय बाद इस नौकरी को छोड़कर सन 1959 में अहमदाबाद में एक फार्मास्यूटिकल्स कंपनी की स्थापना करके अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू करने का साहसी कदम उठाया। किन्तु सफलता आसान नहीं था। लगभग डेढ़ दशक तक उन्हें असफलताओं का सामना करना पड़ा। जिसमें उनको व्यवसाय का पहला प्रयास बंद करना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी भी अपने मनोबल को कम नहीं होने दिया और एक स्पष्ट जीवन आदर्श वाक्य के साथ अपने प्रयासों में लगे रहे। " उच्च लक्ष्य रखना और चूक जाना *correction Jana* क्षमा योग्य है, लेकिन नीचा लक्ष्य रखना क्षमा योग्य नहीं है।" ऐसे में 48 साल की उम्र में उन्होंने फार्मास्यूटिकल्स कंपनी स्थापित करने का अपना दूसरा और सफल प्रयास किया उन्होंने फार्मास्यूटिकल्स बाजार की नब्ज को समझा और खास बिमारियों की पहचान कर उनकी दवाइयों में उत्कृष्टता हासिल की। उन्होंने ऐसे समय में विशिष्ट विपणन की अवधारणा को आगे बढ़ाया। जब अन्य लोग सामान्य बीमारियों के लिए दवाओ पर ध्यान केंद्रित करते थे। जिसका फल मिलना शुरू हो गया और सिज़ोफ्रेनिया के रोगियों के लिए एक उत्कृष्ट दवा पेश करने के बाद जल्द ही सफलता ने दस्तक दी। 

जीवन संघर्ष के एक प्रेरक योद्धा और एक सफल व्यवसायी होने के आलावा यू.एन. मेहता एक प्रतिबद्ध सामाजिक नागरिक भी थे। उन्होंने उस समय की सामाजिक आवश्यकताओं की पहचान की और अपने परोपकारी दान कर्मो को अपने इर्द गिर्द केन्द्रीय किया। इन कार्यो से ऐसे संस्थानों का निर्माण किया जो समाज के वंचित वर्गो की जरूरतों को पूरा करते है। यू.एन.मेहता के शब्दों में कहें तो " जब आप अपने बारे में सोचते है तो दूसरों के बारे में भी सोचे।"

यू.एन.मेहता ने एक नाॅट -फाॅर - प्राॅफिट संगठन - यू.एन.एम फाउंडेशन की स्थापना की। यह फाउंडेशन सामुदायिक स्वास्थ्य की देखभाल, शिक्षा, इकोलोजी, सामाजिक कल्याण और कला और संस्कृति पर ध्यान केंद्रित करते हुए टोरेंट समूह की सामाजिक और परोपकारी गतिविधियों को अंजाम देते रहे। "ऊॅचा लक्ष्य रखना और उसे चूकना क्षमा योग्य है, लेकिन छोटा लक्ष्य रखना क्षमा योग्य नहीं है।" ऐसे जीवन आदर्श के साथ यू.एन.मेहता ने अपने पीछे एक उदहारण स्वरूप उद्यमिता, करूणा और सत्यनिष्ठा की विरासत छोड़ते हुए 31 मार्च 1998 को स्वर्गागमन किया है। 

यू.एन.एम.फाउंडेशन की प्रमुख प्राथमिकताएं :::::::::

1) सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा अंर्तगत प्रत्येक बच्चे तक पहुंचने का कार्यक्रम।

2) जमीनी स्तर पर हस्तक्षेप और नैदानिक हस्तक्षेप पर केन्द्रित एक अनूठी बाल स्वास्थ्य की देखभाल की पहल।

3) जमीनी स्तर पर हस्तक्षेप कर कुपोषण के लिए 1.5 लाख बच्चों की जांच और 70 हजार से अधिक बच्चों को कुपोषण और एनीमिया से सफलता पूर्वक बाहर लाना।‌

4) गुजरात में विभिन्न स्थानों पर 8 बाल प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र ( पीपीएचसी) की स्थापना।

5) सूरत जिले में एक अत्याधुनिक 150 बेड वाला बाल चिकित्सा अस्पताल का निर्माण।

6) अहमदाबाद में 1,200 बिस्तरों वाला अत्याधुनिक धर्मार्थ ह्रदय सुविधा : गुजरात सरकार के सहयोग से वर्ष 1996 में एशिया का सबसे बड़ा ह्रदय रोग अस्पताल यू.एन.मेहता इंस्टिट्यूट आॅफ कार्डियोलाॅजी एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना।

7) स्कूली बच्चों की शिक्षा को बढ़ाने और चिन्हित स्कूलों में बुनियादी ढांचे को उन्नत करने की एक पहल। इस पहल के तहत सालाना 15,000 से अधिक छात्रों को शिक्षा प्रदान करने वाले कुल 45 स्कूल शामिल हैं। यू.एन.एम. फाउंडेशन 4 स्कूल भी चलाता है। जिसमें अहमदाबाद औए मेमदपुर में एक - एक और छापी में 2 स्कूल का समावेश है।

8) कला एवं संस्कृति के केन्द्र में अद्वितीय शहरी कला परियोजना जो दृश्य कला, रंगमंच, नृत्य और संगीत को बढ़ावा देती है। हाल में संपन्न 5 वें संस्करण में, अहमदाबाद में, 1.69 लाख से अधिक लोगों ने इसका दौरा किया और 87 कलाकारों द्वारा प्रस्तुत 37 नाटकों, 32 संगीत प्रस्तुतियों, 37 नृत्य प्रस्तुतियो और 50 दृश्य कला कृतियों का आनंद लिया। अभिव्यक्ति के काई संस्करण है जो अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा और राजकोट में किये जा रहे है। 

9) तालाबों को पुनस्थापित करने और उद्यानों को नये बनाने की एक पहल है अब तक 2 शहरो ( अहमदाबाद और सूरत) में कुल 15 उद्यानों और 2 तालाबों का अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप जीर्णोद्धार किया गया। शहरी समुदाय के भीतर उनकी लोकप्रियता को दर्शाते हुए गार्डन और तालाबों में सालाना 56 लाख से अधिक लोग आते हैं। 

10) शंत्रुंजय हिल्स,पालिताना ( गुजरात) की इकोलाॅजी की बहाली। इस चुनौतीपूर्ण परियोजना के अंर्तगत यू.एन.एम.फाउंडेशन शंत्रुंजय हिल्स जो एक अत्यंत महत्वपूर्ण इकोलाॅजिकल स्थल है। उसकी खोई हुई महिमा को बहाल करने का प्रयास करता है।

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