भिवंडी पालिका क्षेत्र में है 1311 इमारतें खतरनाक व धोखादायक प्रशासन उदासीन

भिवंडी। भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका ने वर्ष 2024 में 1311 इमारतों को खतरनाक व धोखादायक घोषित किया है। अभी भी इन इमारतों में लगभग 3000 परिवार के 15 हजार से ज्यादा लोग सिर पर कफन बांधकर रहते है। बावजूद मनपा प्रशासन इसको लेकर उदासीन बनी हुई है। गत कुछ माह पूर्व प्रभाग समिति क्रमांक चार अंर्तगत ऐसे जर्जर इमारतें के गलियारे व छज्जे गिरने की घटना घटित हो चुकी। पालिका कर्मचारी व आपदा टीम के कर्मचारियों ने इन इमारतों में रहने वाले नागरिको को तत्काल निकाला  और इन इमारतें के बिजली व पानी सफाई खंडित कर दी थी। पूर्व काल की भांति बिल्डिंग हादसे की घटना की पुनरावृत्ति से इनकार नही किया जा सकता है। 

गौरतलब हो कि भिवंडी मनपा प्रशासन ने सभी पांच प्रभागों में कुल 1311 इमारतों को खतरनाक (धोखादायक) घोषित किया है। जिसमें से कुल 287 इमारतें अति खतरनाक है। इन बिल्डिंगों में लगभग 3 हजार परिवार के 15 हजार से ज्यादा लोग रहते है। जिसमें पुरानी चाल,पुरानी बिल्डिंग, पुराने कबेलू वाले पॉवर लूम कारखाने व दुकानें शामिल है।

प्रभाग समिति क्रमांक एक अंर्तगत खतरनाक 125 इमारतें है जिसमें से सी-1 वर्ग की 32 इमारतें, सी -2 वर्ग की 17, सी-2 बी वर्ग की 66 और सी -3 वर्ग की 10 इमारतों का समावेश है। प्रभाग समिति क्रमांक दो अंर्तगत 310 इमारतें खतरनाक घोषित की गई है। जिसमें से सी -1वर्ग की 41 इमारतें, सी -2 वर्ग की 195, सी-2 बी वर्ग की 70 और सी -3 वर्ग की 04 इमारतें है। प्रभाग समिति क्रमांक तीन अंर्तगत 234 इमारतें खतरनाक है। जिसमें से सी-1 वर्ग की 60 इमारतें, सी -2 वर्ग की 42,सी-2 बी वर्ग की 99 और सी -3 वर्ग की 33 इमारतों का समावेश है। इसी तरह प्रभाग समिति क्रमांक चार अंर्तगत 284 इमारतें खतरनाक है। जिसमें से सी-1 वर्ग की 84 इमारतें, सी -2 वर्ग की 199, सी-2 बी वर्ग की 89 और सी -3 वर्ग की 01 इमारत है। इसके साथ ही प्रभाग समिति क्रमांक पांच अंर्तगत सबसे ज्यादा 358 इमारतें खतरनाक घोषित की गई है। जिसमें से सी-1 वर्ग की 80 इमारतें, सी -2 वर्ग की 118, सी-2 बी वर्ग की 158 और सी -3 वर्ग की 02 इमारतों का समावेश है लेकिन मनपा प्रशासन ने इन खतरनाक इमारतों में रहने वालो को विस्थापित करने अथवा हादसों को रोकने का कोई सार्थक कदम नहीं उठाया है। मनपा सूत्रों का कहना है कि खतरनाक इमारतों को खाली कराने में सबसे बड़ा रोड़ा स्थानीय,नेता,नगरसेवक व लालची बिल्डर होते है। कई इमारतों में किरायेदार व मालिक के बीच झगड़ा होता है तथा कई इमारतों में कोर्ट स्टे अथवा कोर्ट में केस रहता है। 

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जर्जर इमारतों पर कार्यवाई को लेकर पालिका प्रशासन सज्ज है। आयुक्त ने बताया की हादसों को रोकने के लिए कई जर्जर इमारतों को तोड़ने का कार्य शुरू है। मनपा अधिकारियों की टीम ने शहर में खतरनाक,अति खतरनाक और धोखादायक इमारतों की सूची तैयार की है। इन इमारतों के बिजली व पानी कनेक्शन खंडित कर आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। रहिवासियों को इमारत खाली करने के लिए अंतिम नोटिस जारी किया गया है और बहुत जल्द सभी अति खतरनाक इमारते जमीनदोस्त कर ली जायेगी।

रिपोर्टर

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