भिवंडी मनपा में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ मनसे का जोरदार आंदोलन
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Sep 24, 2024
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भिवंडी। भिवंडी-निजामपुर महानगर पालिका (मनपा) में व्यापक भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामलों के खिलाफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मंगलवार को पालिका मुख्यालय के सामने जोरदार धरना आंदोलन किया। मनपा में रिश्वतखोरी के बढ़ते मामलों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कर्मचारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की खबरें अब आम हो चुकी हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व मनसे शहर अध्यक्ष मनोज गुलवी व प्रदेश उपाध्यक्ष डी.के.म्हात्रे ने किया।जिनके साथ कई पदाधिकारियों ने मिलकर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की।
मनपा में भ्रष्टाचार का यह मामला उस समय सामने आया जब 3 जनवरी 2024 को कर मूल्यांकन विभाग में कार्यरत क्लर्क किशोर केणे को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया। इस मामले में पालिका आयुक्त अजय वैद्य के करीबी माने जाने वाले तत्कालीन कर मूल्यांकन विभाग प्रमुख सुदाम जाधव और कार्यालय अधीक्षक सायरा बानो अंसारी की भी संलिप्तता पाई गई, जिनकी गिरफ्तारी भी ACB द्वारा की गई। हालांकि, आयुक्त अजय वैद्य ने इन अधिकारियों को क्लीन चिट देते हुए पुनः सेवा में बहाल कर दिया। जो अब दो से तीन विभागों का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं।
हाल ही में 19 सितंबर 2024 को ठाणे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्रभाग समिति क्रमांक 2 के एरिया वसूली क्लर्क अजय गायकवाड़ को भी संपत्ति हस्तांतरण के नाम पर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। पति की मौत के पश्चात संपत्ति को पत्नी के नाम हस्तांतरित करने के लिए इस क्लर्क ने 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
पालिका के कर्मचारियों द्वारा रिश्वत के बल पर मलाईदार पदों पर तैनाती की जा रही है, जिसमें तीन-तीन महीने के कार्यकाल के लिए लाखों रुपये की रिश्वत दी जा रही है। कर्मचारियों को अतिरिक्त विभागों का कार्यभार सौंपा जा रहा है और इस पूरे खेल में सुदाम जाधव की प्रमुख भूमिका बताई जा रही है, जो आयुक्त अजय वैद्य के खासमखास माने जाते हैं।
मनसे पदाधिकारियों ने अपने धरना प्रदर्शन के दौरान आयुक्त अजय वैद्य को एक ज्ञापन सौंपते हुए रिश्वतखोरी में लिप्त सभी कर्मचारियों को तत्काल निलंबित करने की मांग की। इस धरना के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।
मनसे के इस आंदोलन ने मनपा के भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी पर सवाल खड़े कर दिए हैं,और अब देखना यह है कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है। जनता में इस भ्रष्टाचार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है, और मनसे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे इस मुद्दे को लेकर चुप नहीं बैठेंगे। भिवंडी के नागरिक अब उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन इस मामले पर सख्त कदम उठाएगा और रिश्वतखोर कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगा।
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