
भिवंडी शहर में अवैध इमारतों का धड़ल्ले से निर्माण
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Sep 25, 2024
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नियंत्रण अधिकारी बेबस, प्रशासन की मिलीभगत उजागर
भिवंडी। भिवंडी निजामपुर महानगर पालिका (BNCMC) क्षेत्र में अवैध इमारतों का बेतहाशा निर्माण जारी है और प्रशासन इस पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रहा है। बिल्डर माफिया और भू-माफिया सरकारी व निजी जमीनों पर अवैध कब्जे कर गगनचुंबी इमारतें खड़ी कर रहे है,जबकि पालिका के कई पूर्व नगरसेवक बेरोजगारी के चलते इन बिल्डरों का साथ दे रहे है। गौरतलब हो कि भिवंडी पालिका का क्षेत्रफल करीब 25 किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसे प्रशासन ने पांच प्रभाग समितियों में विभाजित किया है।इन समितियों के अवैध बांधकाम पर निगरानी रखने के लिए शहर विकास विभाग के अंतर्गत एक नियंत्रण अधिकारी,सहायक नियंत्रण अधिकारी और एक भरारी पथक का गठन किया गया है। बावजूद इसके अवैध इमारतों के निर्माण पर रोक लगाने में यह विभाग पूरी तरह विफल रहा है।
पालिका क्षेत्र में वर्तमान में लगभग 150 से अधिक अवैध इमारतों का निर्माण हो रहा है।जिनमें से कई गगनचुंबी इमारतों का भी समावेश है और पहाड़ी इलाकों व स्लम बस्तियां परिसर भी इससे अछूता नहीं है।इन इमारतों के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है जिससे यह इमारतें जल्द ही जर्जर हो जाती है। ऐसी इमारतें सीधे तौर पर नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा बनती जा रही है। पालिका मुख्यालय के चौथे मंजिल पर स्थित शहर विकास विभाग और नियंत्रण अधिकारी का कार्यालय प्रशासनिक ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा है,लेकिन इस पद के लिए योग्यता के आधार पर नहीं,बल्कि बोली लगाकर अधिकारियों की नियुक्ति होती है। यह पद जो मूल रूप से बिल्डिंग निरीक्षक डिप्लोमा धारकों के लिए है। परन्तु कम योग्यता वाले कर्मचारियों को भी धन के बल पर यहां नियुक्त किया जाता रहा है। जिसके चलते प्रभाग समिति एक से लेकर पांच अंतर्गत अवैध इमारतों का निर्माण तेजी से हो रहा है। जिनमें पांच से आठ मंजिलों की इमारतें भी शामिल है। प्रशासन के अधिकारियों और बिल्डरों की मिलीभगत के कारण इन अवैध इमारतों के निर्माण में गुणवत्ता की भारी कमी देखी जाती है।अवैध निर्माण केवल निजी जमीनों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सरकारी जमीन और पालिका की स्वामित्व वाली जमीनों पर भी कब्जा करके इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। यदि जल्द ही इन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो पूरे शहर में अवैध इमारतों का मकड़जाल फैल जाएगा। जिससे भविष्य में जनधन की हानि का खतरा बढ़ जाएगा
भिवंडी में अवैध निर्माण का यह खेल किसी भी दिन बड़े हादसे का रूप ले सकता है। प्रशासन की उदासीनता और अधिकारियों की मिली भगत ने शहर को गंभीर संकट में डाल दिया है। समय रहते अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो इसका खामियाजा शहरवासियों को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ सकता है। प्रशासन को तत्काल इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए अन्यथा यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।
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