ठाणे जिले में बांग्लादेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या से कानून व्यवस्था पर संकट

बारों में बांग्लादेशी महिलाओं की अवैध गतिविधियां जारी

भिवंडी। ठाणे जिले के भिवंडी सहित कई क्षेत्रों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ये नागरिक बिना किसी वैध दस्तावेज़ के ठाणे, भिवंडी, कल्याण और अन्य क्षेत्रों में रहकर विभिन्न कार्यों में लिप्त हैं। इनमें से कई निर्माण,फैक्ट्रियों, और घरेलू कामों में मजदूरी कर रहे है। जबकि कुछ बांग्लादेशी महिलाएं डांस बारों और होटलों में अवैध रूप से कार्यरत है। इन बारों में बांग्लादेशी महिलाओं के नृत्य और अन्य अवैध गतिविधियों की खबरें लगातार आ रही है।जिससे स्थानीय निवासियों के बीच रोष बढ़ रहा है।

सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड और वोटर आईडी का इस्तेमाल कर यहां निवास कर रहे हैं। ये लोग अपनी असली पहचान छुपाकर बारों में डांस करने और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल है। विशेष रूप से जिस्मफरोशी के धंधे में भी इनकी संलिप्तता पाई गई है। जो न केवल अपराध दर को बढ़ावा दे रही है बल्कि स्थानीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बन गई है। 

भिवंडी के राजनोली,गोवा,कोन,पिपंलास, ठाणे और कल्याण जैसे इलाकों में इनकी बढ़ती उपस्थिति ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस के लिए चिंता का विषय पैदा कर दिया है। बारों और होटलों में बांग्लादेशी महिलाओं की मौजूदगी से यहां अवैध गतिविधियों का जाल फैला हुआ है। जिससे जिले की कानून व्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है। बावजूद इसके, स्थानीय पुलिस और प्रशासन की ओर से इस दिशा में पर्याप्त कार्रवाई न होने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को इस अवैध गतिविधि की पूरी जानकारी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। स्थानीय निवासी मांग कर रहे हैं कि इन अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए और अवैध बार और होटलों पर छापेमारी की जाए।प्रशासन की ओर से इस समस्या के समाधान के लिए कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है, लेकिन बांग्लादेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या और उनकी अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह से नियंत्रण करना अभी भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही इस दिशा में सख्त कदम उठाएंगे और फर्जी दस्तावेज़ों के इस्तेमाल पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ठाणे जिले में बढ़ रही इस समस्या ने सामाजिक और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस समस्या से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस को मिलकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि जिले में कानून व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके।

रिपोर्टर

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